चुनाव आयोग द्वारा बिहार, हरियाणा और दिल्ली के 371 चुनाव अधिकारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ


नई दिल्ली, 14 मई 2025: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार ने आज राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में बिहार, हरियाणा और दिल्ली के विभिन्न चुनाव अधिकारियों के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ), बीएलओ पर्यवेक्षकों और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) की क्षमता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

इस विशेष प्रशिक्षण में कुल 371 चुनाव अधिकारी भाग ले रहे हैं। इनमें से बिहार से 306 बीएलओ, हरियाणा से 30 ईआरओ और बीएलओ पर्यवेक्षक, तथा दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) से 35 ईआरओ और बीएलओ पर्यवेक्षक शामिल हैं। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से चुनाव आयोग पिछले दो महीनों में अब तक कुल 2,600 से अधिक क्षेत्रीय चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुका है, जो चुनावी प्रक्रिया की गुणवत्ता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्य चुनाव आयुक्त श्री कुमार ने इस अवसर पर बताया कि बीएलओ को उनके कार्य में सुविधा प्रदान करने के लिए मानक पहचान पत्र शीघ्र ही जारी किए जाएंगे, जिससे वे मतदाता सूची के अद्यतन हेतु घर-घर जाकर आसानी से सत्यापन कर सकें। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ये अधिकारी भविष्य में अपने-अपने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अन्य बीएलओ को भी प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे चुनावी कार्यों की क्षमता और दक्षता का विस्तार किया जा सके।

श्री कुमार ने प्रतिभागियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही करना होगा। इन कानूनों और नियमों की समझ और अनुपालन से ही मतदाता सूची की शुद्धता और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकती है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य यह है कि प्रतिभागियों को विशेष रूप से मतदाता पंजीकरण, फॉर्म हैंडलिंग तथा चुनावी प्रक्रियाओं के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन के संबंध में व्यावहारिक जानकारी और अनुभव प्रदान किया जाए। उन्हें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(ए) और 24(बी) के तहत अपील प्रक्रिया, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की भूमिका होती है, के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि 6 से 10 जनवरी 2025 के बीच आयोजित विशेष सारांश संशोधन (SSR) के उपरांत इन तीनों राज्यों से किसी प्रकार की अपील दर्ज नहीं की गई, जो चुनाव आयोग के प्रयासों की सफलता और पारदर्शिता को दर्शाता है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम में इंटरएक्टिव सत्र, भूमिका-निरूपण (रोल प्ले), घर-घर सर्वेक्षण की कार्यशाला, प्रासंगिक केस स्टडी, तथा फॉर्म 6, 7 और 8 को भरने का व्यावहारिक अभ्यास शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, अधिकारियों को वोटर हेल्पलाइन ऐप (VHA) सहित अन्य आईटी उपकरणों पर भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे डिजिटल माध्यमों का प्रभावी उपयोग कर सकें। साथ ही, उन्हें ईवीएम और वीवीपैट का तकनीकी प्रदर्शन एवं मॉक पोल के माध्यम से प्रयोगात्मक अनुभव भी प्रदान किया जाएगा।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
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