वाराणसी/उत्तर प्रदेश (Varanasi/Uttar Pradesh), 28 दिसंबर 2024, शनिवार : सारनाथ थाना अंतर्गत प्राचीन काली माता मंदिर बरईपुर सकल सेवा संस्थान में अभिनव शंकराचार्य भगवान के सहस्राब्दी आगमन उत्सव के उपलक्ष में भंडारे का आयोजन किया गया।बता दे की प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ में अखाड़ों के आराध्य भी आस्था की डुबकी लगाएंगे। काशी के अखाड़ों से साधु-संत, महामंडलेश्वर और श्रीमहंतों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया है।
ये साधु संत काशी के अखाड़ों के देवता और उनके निशान भी अपने साथ लेकर जा रहे हैं। ये डेढ़ माह तक कुंभनगरी में प्रवास करेंगे।कुंभ मेले में शैव, वैष्णव, उदासीन और सिख परंपरा के कुल 13 अखाड़ों के साधु-संत, महामंडलेश्वर व श्रीमहंत और अनुयायियों की बढ़चढ़ कर भागीदारी होती है। इसमें जूना अखाड़े को श्रेष्ठ माना गया है। क्योंकि इनके साधुओं की तादाद करीब दो लाख है। इस अखाड़े का प्रधान कार्यालय काशी में है।
इस अखाड़े के इष्टदेव दत्तात्रेय हैं, जो रुद्रावतार हैं। इसी क्रम में बुधवार को संत समागम का आयोजन किया गया। इस मौके पर पंचायती अखाडा उदासीन के महंत रजनीश मुनि महाराज के सानिध्य में आयोजित भण्डारें में सैकड़ों ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे के बाद प्राचीन काली माता मंदिर पर जागरण महाराज जी के नेतृत्व में हुआ।