आजमगढ़/उत्तर प्रदेश। आजमगढ़ जिले में पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाली एक गंभीर घटना सामने आई है। देवगांव कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक (SI) लाल बहादुर प्रसाद को घूस मांगने के आरोप में न केवल निलंबित कर दिया गया है, बल्कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भी भेज दिया गया है।
मामला तब उजागर हुआ जब एक वादी ने आरोप लगाया कि SI लाल बहादुर प्रसाद ने उसे चार्जशीट न लगाने और जेल न भेजने के बदले 5,000 रुपये की अवैध मांग की थी। शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंची, जिसके बाद तत्काल विभागीय जांच शुरू की गई।
जांच में यह बात सिद्ध हो गई कि SI ने वाकई वादी से रिश्वत की मांग की थी। रिपोर्ट के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और भ्रष्ट आचरण के आरोप गंभीर पाए जाने पर SI के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
वहीं, विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए SI लाल बहादुर प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया।
घटना के बाद पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसी घटनाओं में शामिल किसी भी अधिकारी-कर्मचारी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है और आम नागरिकों ने भी प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है।
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