Subscribe Us

Header Ads

जानिए क्यों कहा भोजपुरी अभिनेत्री कनक यादव ने - दिशा से भटक गई है भोजपुरी सिनेमा!

पटना/बिहार/मनोरंजन (Patna/Bihar/Entertainment), देसी खबर (Desi Khabar), 7 नवंबर 2023, मंगलवार | अनूप नारायण सिंह : मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली कनक यादव भोजपुरी की उन अभिनेत्रियों में शुमार हैं जिन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की है।
कनक यादव एक फिल्म अभिनेत्री, मॉडल और निर्माता हैं जो मुख्य रूप से बॉलीवुड, टीवी सीरियल और भोजपुरी फिल्मों में काम करती हैं, कनक यादव का जन्म कानपूर, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ और कनक ने 2017 में भोजपुरी फिल्म ‘रब्बा इश्क़ न होवे’ से डेब्यू किया था। वह मिस नोएडा और मिस ब्यूटीफुल स्माइल की भी विजेता रह चुकी है। भोजपुरी सिनेमा में उनकी बहुत बड़ी दर्शको की सूची है।
एक निजी कार्यक्रम में पटना पहुंची कनक यादव ने बातचीत में कहा कि भोजपुरी सिनेमा मैं नायकों की दादागिरी चलती है पूरी फिल्म में बाकी कलाकारों की हैसियत मजदूर से ज्यादा नहीं होती ना उन्हें उचित मेहनताना मिलता है ना उनके टैलेंट को आगे आने दिया जाता है भोजपुरी सिनेमा में मुट्ठी भर लोग सिनेमा का भाग भविष्य तय करते हैं।
फिल्म में सबसे बेचारा की स्थिति में फिल्म का निर्माता होता है उन्होंने खुद एक प्रोड्यूसर के तौर पर भोजपुरी सिनेमा में कदम रखा था बाद में चाहने वाले लोगों के दबाव में वह अभिनेत्री के रूप में सामने नजर आई। कनक कहती है इसकी सबसे बड़ी वजह अनपढ़ और गलत लोगों का भोजपुरी सिनेमा में भरमार होना भी है
उन्होंने कहा कि फिल्म में जहां नायक को लाखों रुपए मेहनत आना के तौर पर दिया जाता है वही नायिकाओं की फी कम होती है उस पर भी उन्हें फिल्मों में काम उनके टैलेंट के आधार पर नहीं बल्कि फिल्म के नायक के पैरवी पर मिलती है फिल्म का हीरो तय करता है कि फिल्म की हीरोइन कौन होगी गीतकार कौन होगा संगीतकार कौन होगा खलनायक कौन होगा ऐसे में आप बताइए कि फिल्में क्यों चलें टैलेंटेड कलाकारों को दरकिनार कर आप एक अच्छी फिल्म नहीं बना सकते जबरदस्ती मसाला और अश्लील गीतों को डालकर आप भोजपुरी के दर्शकों को ऐसी फिल्में देखने को विवश भी नहीं कर सकते।
कनक ने कहा कि ऐसा नहीं है कि भोजपुरी सिनेमा में अच्छे लोग नहीं है पर वह उन गलत लोगों के खिलाफ आवाज उठाने से डरते हैं जिन्होंने सिनेमा को एक दूसरा ही रूप दे दिया है। कनक ने बताया कि भोजपुरी में होने वाले विवाद भी स्क्रिप्टेड होते हैं और जानबूझकर पब्लिसिटी के लिए और अपना बाजार गर्म रखने के लिए ऐसे विवादों को सामने लाया जाता है दर्शक समझते हैं कि दो कलाकार लड़ रहे हैं जात पात हो रहा है पर असल में यह सब एक प्री प्लान के तहत होता है।
कनक ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा नहीं चलने के पीछे सबसे बड़ा कारण सिनेमाघरों का अभाव है बिहार सबसे बड़ा बाजार है और बिहार में सिनेमाघर अब नाम मात्र के है ऐसे में सरकार को छोटे-छोटे सिनेमाघरों को बढ़ावा देना चाहिए तब जाकर दर्शक घरों से बाहर निकलकर इन फिल्मों को देख सकते हैं।

Know why Bhojpuri actress Kanak Yadav said - Bhojpuri cinema has lost its direction!