वाराणसी/उत्तर प्रदेश (Varanasi/Uttar Pradesh), 7 नवम्बर 2023, मंगलवार : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) विद्यार्थियों के विकास व कल्याण, विशेष रूप से उनके मानसिक व मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की बेहतरी पर विशेष ज़ोर दे रहा है। इस उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इस कड़ी में विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षकों के लिए I Care कार्यशालाओं के रूप में एक और महत्वपूर्ण पहल की गई है।
मनोवैज्ञानिक आत्मचेतना के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कार्य कर रही संस्था मानस के सहयोग से आयोजित हो रही ये कार्यशालाएं शिक्षकों को विद्यार्थियों के प्रथम काउंसलर के रूप में विकसित करेंगी। कार्यशालाओं के दौरान शिक्षकों को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा कि वे मनोवैज्ञानिक चुनौतियों के संबंध में अज्ञानता व जागरूकता की कमी से उत्पन्न होने वाले मानसिक स्वास्थ्य के विषयों से किस प्रकार निपटें।
I Care तीन कार्यशालाओं का एक दिवसीय कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से शिक्षकों को विद्यार्थियों के बेहतर व कुशल मार्गदर्शक बनने में मदद मिलेगी। मानस की संस्थापक निदेशक सुश्री मीनाक्षी कीर्ताने, जो कार्यशाला को संबोधित कर रही हैं, ने बताया कि आज के दौर में युवा विभिन्न माध्यमों, अनुभवों व प्रभावों के सम्पर्क में आ रहे हैं।
उनके पास विविध सूचना व जानकारी तो है, लेकिन अपने मनोवैज्ञानिक हित के विषय में जागरूकता का अभाव है। ऐसे में संस्थान के स्तर पर ऐसी प्रक्रियाओं व व्यवस्थाओं का निर्माण करना अत्यंत आवश्यक है, जो विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें। उन्होंने कार्यशाला में बीएचयू के शिक्षकों की उत्साहजनक प्रतिभागिता पर भी प्रसन्नता जताई।
एक दिन की कार्यशाला की श्रंखला की शुरुआत 6 नवंबर 2023 ले महिला महाविद्यालय में हुई है, जो 11 नवंबर तक चलेंगी। शुरुआत में इन कार्यशालाओं में छात्रावास समन्वयकों, प्रशासनिक संरक्षकों, संरक्षकों, विद्यार्थी सलाहकारों, विद्यार्थी कल्याण, जीवन कौशल तथा नेतृत्व क्षमता विकास समितियों के अध्यक्षों व पदाधिकारियों को शामिल किया जा रहा है।
छात्र अधिष्टाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने कहा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बारे में बीएचयू द्वारा आरंभ की गई योजनाओं को रेखांकित किया और बताया कि यह कार्यशाला व्यवहारिक अनुभव आधारित है, जिससे प्रतिभागी लाभान्वित होंगे।
विद्यार्थी मामलों के सलाहकार कमान्डर (सेवानिवृत्त) सयनतन सान्याल ने बताया कि I Care कार्यशाला मनोवैज्ञानिक विषयों पर जागरूकता के प्रसार में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए काफी हितकारी साबित होगी।
I Care कार्यक्रम की पहली कार्यशाला “Preparing to Connect to Self and Others” के तहत प्रतिभागियों को स्वयं के मनोवैज्ञानिक पहलु के बारे में तथा बतौर विद्यार्थी अपने विकास के बारे में जागरुक होने के बारे में बताया जाता है।
जैसे-जैसे प्रतिभागी अधिक जागरूक और संवेदनशील होते हैं, वे विद्यार्थियों से प्रभावी रूप से जुड़ पाते हैं और उनकी चुनौतियों को अच्छे तरीके से सुलझाने में सक्षम हो पाते हैं। कार्यक्रम की दूसरी कार्यशाला “Psychological Wellbeing: An In-depth Understanding” के अंतर्गत प्रतिभागियों को मनोवैज्ञानिक कल्याण के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया जाता है।
तीसरी कार्यशाला “Basic Listening and Empathy Skills” में प्रतिभागी ये समझते हैं कि श्रवण कौशल कितना महत्व रखता है और इससे क्या लाभ हो सकता है। यह कार्यशाला मनोवैज्ञानिक विषयों को बेहतर ढंग से सुलझाने के तरीके सुझाने के साथ साथ शिक्षक-विद्यार्थी संबंधों को और सशक्त भी करती है, साथ ही साथ मानसिक स्वास्थ्य के महत्व व उसके बारे में जागरूकता को रेखांकित करती है। खासतौर से ऐसे समय में जब विद्यार्थी विभिन्न कारणों से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों का सामना करते हैं।
Varanasi: Teachers are being given training to deal with the psychological challenges of students.