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चंदौली सीट को जीतना भाजपा के लिए टेढ़ी खीर, वतर्माण सांसद के लापता होने का लगा पोस्टर

चंदौली/उत्तर प्रदेश (Chandauli/Uttar Pradesh), 13 मार्च 2024, बुधवार : कभी वाराणसी जिले का अंग रही चंदौली संसदीय सीट को जीतना इस बार भाजपा के लिए बहुत आसान नहीं होगा। वर्ष 2014 और 2019 में यहां से दो बार डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय (Dr Mahendra Nath Pandey) भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीत चुके हैं। फिलहाल चंदौली लोकसभा सीट के मतदाताओं में वर्तमान सांसद डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय को लेकर जबरदस्त विरोध है। लोगों ने उनके लापता होने के पोस्टर भी लगाए हैं।

इस बार सपा ने चंदौली से प्रदेश के पूर्व मंत्री श्री वीरेन्द्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। श्री सिंह चंदौली संसदीय क्षेत्र अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र शिवपुर (पूर्व नाम चिरईगांव) से दो बार विधायक रहे हैं। किन्तु बाद में दो बार हारे भी हैं। भाजपा प्रत्याशी डा महेन्द्र नाथ पाण्डेय के बारे में इस बार लोगों को अंदाजा था कि इन्हे टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बैठे वाले अंदाज में भाजपा (BJP) के प्रथम लिस्ट में ही इनका नाम घोषित कर दिया गया।

भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता पाण्डेय जी को विकास पुरुष बताते हैं। इसी तरह सपा प्रत्याशी के समर्थक भी वीरेन्द्र सिंह को विकास का पर्याय बताते हैं। पाण्डेय जी ने मारकण्डेय महादेव परिक्षेत्र का विकास किया, तो सिंह साहब ने भी अपने मंत्री कार्यकाल के दौरान कचहरी पर वरुणा घाट और चौकाघाट सांस्कृतिक संकुल बनवाया। भाजपा और सपा प्रत्याशियों की उम्र भी लगभग बराबर है। स्वास्थ्य के मामले में भी दोनो प्रत्याशियों की स्थिति लगभग एक समान है।

पड़ोस में वाराणसी (Varanasi) सीट से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के प्रत्याशी होने का लाभ भी पाण्डेय जी को चंदौली में मिलेगा। लेकिन सपा प्रवक्ता वीरेन्द्र सिंह भी पुराने खिलाड़ी हैं राजनीति के। बहुत सारे प्रमुख लोगों का सम्बंध दोनो प्रत्याशियों से है। कौन जीत दर्ज करायेगा चंदौली संसदीय सीट से? यह बहुत कुछ कार्यकर्ताओं के समर्पण निष्ठा पर निर्भर करेगा। दोनो प्रत्याशियों के स्वजातीय मतदाताओं का रुख क्या रहेगा? यह भी मायने रखेगा।