पटना/बिहार (Patna/Bihar), 18 अगस्त 2024, रविवार : दधीचि देहदान समिति के जागरूकता अभियान के फलस्वरूप पटना के 69 वर्षीय स्मृतिशेष बिमला देवी जैन के निधन के बाद नेत्रदान कराकर पीड़ित मानवता के सेवा में एक मिसाल कायम किया है। पति शेखर चंद जैन, सुपुत्र राजेश जैन एवं पूरे परिवार की सहमति से एवं समिति के महासचिव पद्मश्री बिमल जैन की पहल एवं चंचल जैन के सदप्रयास से इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के नेत्र अधिकोष की टीम को कॉर्निया सौप पीड़ित मानवता की सेवा कर समाज को एक ऐसा संदेश दिया है जो आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरक होगा।
उनकी आंखों से 2-3 नेत्रहीनों को दृष्टि मिल सकेगी। मृत्यु निश्चित है परन्तु मृत्यु के पश्चात भी अमर हानें का श्रेष्ट तरीका है-नेत्रदान। इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान के नेत्र अधिकोष के प्रमुख डॉ नीलेश मोहन के निर्देश पर डॉ मनीष करण,मारुति नंदन,आशीष आनंद ने कॉर्निया लेने की प्रक्रिया को पूरा किया।
दधीचि देहदान समिति बिहार दिवंगत आत्मा की सदगति के लिए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यपाल, श्री गंगा प्रसाद ने जागरूक नागरिकों से अनुरोध किया है कि मृत्यु को जीवन का अंत न बनाएँ, संकल्प लेकर नेत्रदान, अंगदान, देहदान करने का संकल्प ले और महर्षि दधीचि की इस परपंरा को अपनाकर पीड़ित मानवता की सेवा में अपना योगदान दे।