देवघर/झारखंड (Deoghar/Jharkhand), 28 नवंबर 2024, गुरुवार : महादेव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। यहां सालों भर श्रद्धालुओं को जमावड़ा लगा रहता है। मान्यता है कि यहां मांगी गई मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है, इसलिए इस धाम को मनोकामना लिंग भी कहते हैं। यहां कई ऐसी परंपरा हैं जो किसी अन्य मंदिर में देखने को नहीं मिलतीं। जैसे हर ज्योतिर्लिंग मे भगवान भोलेनाथ के पास त्रिशूल होता है, लेकिन यहां मंदिर के शिखर में पंचशूल विराजमान है।
देवघर के बाबा मंदिर में पूजा करने देश विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं पूजा करने के बाद चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में 18 दान पात्र हैं। श्रद्धालु पूजा करने के बाद अपने सामर्थ्यनुसार, इन दानपात्रों में दान करते हैं। जब पात्र भर जाता है तो समय समय पर उसको खोला जाता है। पैसों की गिनती की जाती है। गुरुवार, 27 नवंबर 2024 को 18 दानपात्र खोले गए, जिनमें 15 लाख से भी अधिक का चढ़ावा निकला।
बाबा धाम परिसर में रखे 18 दानपात्रों को मंदिर प्रशासन की देखरेख में खोला गया और रुपयों की गिनती की गई। उपायुक्त विशाल सागर द्वारा जानकारी दी गई कि आज बाबा मंदिर प्रांगण स्थित 18 दानपात्र को मंदिर प्रशासन की देखरेख में खोला गया।साथ ही गिनती के बाद मंदिर को कुल 15 लाख 92 हजार 890 रुपये का चढ़ावा मिला। इसमें 1,060 नेपाली रुपये प्राप्त हुए। साथ ही एक चांदी का सिक्का जो वर्ष 1918 का है, वह प्राप्त हुआ। 8 डॉलर, 40 कैनेडियन डॉलर और 10 भूटानी करेंसी भी मिली।
मंदिर के दान पात्र को कड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया। पात्र से निकले पैसे को गिनती के लिए मंदिर प्रशासनिक भवन में रखा गया जहाँ दंडाधिकारी की मौजूदगी में पैसों की गिनती की गई।
18 दानपात्र में सिक्कों और नोटों की संख्या ज्यादा होने के कारण गिनती में सारे मंदिर कर्मियों को लगाया जाता है। साथ ही इस गिनती में प्रशासन से मजिस्ट्रेट और कई पुलिसकर्मी भी मौजूद रहते हैं। साथ ही इस गिनती की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होती है।
बाबा धाम में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। भक्त दिल खोल कर दान करते हैं। मंदिर में सबसे ज्यादा चढ़ावा सावन के महीने में आता है। इस साल पूरे सावन महीने में 10 करोड़ से भी ज्यादा बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर को चढ़ावा प्राप्त हुआ था।