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Jamui: अंधेरी रात में जीवन की लौ! हिमांशु के रक्तदान से बची प्रसूता की जान, लोगों ने दिया साधुवाद

जमुई। सोमवार की अर्धरात्रि की सर्द रात और कड़क ठंड के बीच, गादी बुकार के निवासी हिमांशु राज (पिता: अजय कुमार सिंह) ने मानवता की एक अनमोल मिसाल पेश की। मल्लेपुर, जमुई की 23 वर्षीय पीड़िता, जो प्रसव के दौरान जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रही थीं, को A+ रक्त की अत्यधिक आवश्यकता थी। जब जमुई सदर अस्पताल स्थित रक्त अधिकोष में रक्त की उपलब्धता नहीं हो पाई, तो परिवार की चिंता और भी बढ़ गई थी।

ऐसे समय में, प्रबोध जन सेवा संस्थान (इकाई जमुई) के समर्पित सदस्य हिमांशु राज ने मदद के लिए तुरंत कदम बढ़ाया। बिना ठंड और समय की परवाह किए, उन्होंने सदर अस्पताल के रक्त अधिकोष में पहुंचकर रक्तदान किया। हिमांशु राज ने इस अवसर पर कहा, "रक्तदान केवल शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि यह इंसानियत की सेवा है। प्रबोध जन सेवा संस्थान के माध्यम से मुझे यह अवसर मिला है कि मैं किसी के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकूं।"

उनका यह कदम न केवल पीड़िता के लिए राहत लेकर आया, बल्कि उनके परिवार में नई उम्मीद और खुशी का संचार भी हुआ।

संस्थान के सचिव और सामाजिक कार्यकर्ता सुमन सौरभ ने इस कार्य की सराहना करते हुए कहा, "रक्तदान एक ऐसा कार्य है, जो किसी के जीवन को नई दिशा दे सकता है। हिमांशु राज ने यह दिखा दिया कि सच्ची मानवता कभी भी परिस्थिति की परवाह नहीं करती।"

पीड़िता के परिजन सुमन कुमार सिंह ने गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, "हिमांशु और प्रबोध जन सेवा संस्थान की मदद ने हमें नई उम्मीद दी है। भविष्य में हम भी संस्थान से जुड़कर जरूरतमंदों की सेवा करना चाहेंगे।"

स्थानीय लोगों ने भी इस नेक कार्य की सराहना की और संस्थान से जुड़े सहयोगियों ने आम नागरिकों से अपील की कि वे रक्तदान को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए जरूरतमंदों की मदद करें।