वाराणसी/उत्तर प्रदेश। शहर के रोहनिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत अखरी गांव में बीती रात चोरों ने दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देते हुए डिप्टी सीएमओ डॉ. प्रदीप नारायण सिंह के आवास का दरवाज़ा तोड़कर लाखों रुपये के गहने और नकदी पर हाथ साफ कर दिया। यह वारदात तब हुई जब डॉक्टर की पत्नी सरिता सिंह अपने मायके अवलेशपुर में अपनी मां के ऑपरेशन के कारण रात भर के लिए रुकी थीं।
पीछे के दरवाजे से घुसे चोर, अलमारी से गहने और नगदी पार
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चोरों ने मकान के पीछे के लोहे के दरवाजे को तोड़कर घर में प्रवेश किया और कमरे में रखी अलमारी से लगभग चार लाख रुपये मूल्य के गहने जिनमें 10 अंगूठियां, सोने की रिंग, पायल, पैजनियां आदि शामिल हैं, के साथ 20,000 रुपये नकद चोरी कर लिए। घर का सारा सामान बिखरा पड़ा मिला।
घटना की सूचना मिलने पर सरिता सिंह ने तत्काल रोहनिया पुलिस को फोन किया। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि सुबह 9 बजे सूचना देने के बाद दोपहर 2 बजे तक फोरेंसिक टीम नहीं पहुंची। इस दौरान मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी द्वारा यह कहे जाने पर कि घर के कमरे खुले छोड़ने से चोरी हुई, पीड़िता ने पलटवार करते हुए कहा, "जब चोर लोहे का दरवाजा तोड़ सकते हैं, तो ताला क्या रोकता?"
क्षेत्र में बढ़ती चोरियों से दहशत, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों में लगातार हो रही चोरी की घटनाओं को लेकर गहरा आक्रोश और भय का माहौल है। लोगों का कहना है कि पुलिस गश्त की गंभीर कमी है, जिससे चोरों के हौसले बुलंद हैं। पिछले सप्ताह ही एक अधिवक्ता के घर आठ लाख रुपये की चोरी हुई थी, जिसमें कच्छा-बनियान गिरोह का संदेह जताया गया, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
पुलिस जांच में जुटी, लेकिन भरोसा कमजोर
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और फोरेंसिक टीम से साक्ष्य संकलन की बात कही जा रही है। हालांकि पीड़ित परिवार और क्षेत्रवासी पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं।
अब सवाल यह है कि जब डिप्टी सीएमओ जैसे उच्च पदस्थ अधिकारी का घर सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करे? पुलिस प्रशासन को अब सतर्कता और गश्ती में सुधार लाकर जनता का विश्वास पुनः अर्जित करना होगा।
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