जमुई/बिहार। खैरा प्रखंड स्थित शोभा वाटिका परिसर में गुरुवार को अति पिछड़ा सह सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. नीरज साह ने की। समारोह में सामाजिक न्याय, राजनीतिक जागरूकता और आर्थिक सशक्तिकरण को लेकर कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, “राष्ट्रीय जनता दल ने अति पिछड़े वर्ग को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है। यह वर्ग आज भी सामाजिक रूप से उपेक्षित है, लेकिन राजद ने सत्ता में उनकी भागीदारी सुनिश्चित कर लोकतंत्र को मजबूती दी है।” उन्होंने कहा कि बिहार में अति पिछड़ों की आबादी लगभग 36% है, लेकिन राजनीतिक प्रतिनिधित्व में वे काफी पीछे हैं।
बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि अति पिछड़ा समाज तभी आगे बढ़ेगा जब वह खुद जागरूक और संगठित होगा। उन्होंने चेताया कि यदि चेतना नहीं आई तो समाज पिछड़ा ही रह जाएगा।
विधायक रणविजय साहू ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार के विकास को गति देने के लिए अति पिछड़े वर्ग को निर्णायक भूमिका निभानी होगी। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में संगठन को मजबूत करने की बात कही।
पूर्व विधायक अजय प्रताप ने समाज के सभी वर्गों को समान सम्मान देने की वकालत करते हुए कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में भी अति पिछड़े वर्ग को उचित स्थान और सम्मान मिलना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. नीरज साह ने कहा, “बिहार जैसे राज्य में, जहां जातिगत संरचनाएं गहराई से जमी हुई हैं, वहां अति पिछड़े समाज को जागरूक कर नई दिशा देना अत्यंत आवश्यक है। यह समाज अगर शिक्षित, संगठित और जागरूक हो गया, तो बिहार में एक नई सामाजिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त होगा।”
इस अवसर पर राजद जिलाध्यक्ष डॉ. त्रिवेणी यादव, राजद नेता गोपाल गुप्ता, मो. शमशाद आलम, जय नारायण राव, मुरारी राम, रविंद्र मंडल, अशोक कुशवाहा, प्रो. डॉ. सुखदेव ठाकुर, सुजीत विश्वकर्मा, प्रभु यादव, अरुण चौहान, अशोक मंडल, मकसूद आलम, रामविलास रावत, ज्योति सिंह, चंदन कश्यप सहित बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि अति पिछड़ा वर्ग यदि संगठित हो गया, तो न सिर्फ समाज में उसका मान-सम्मान बढ़ेगा, बल्कि राज्य की राजनीति में भी उसका प्रभाव बढ़ेगा।
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