वाराणसी/उत्तर प्रदेश, 1 अगस्त 2025 : वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे शहर के निचले और तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा गहरा गया है। बीते 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से वृद्धि दर्ज की गई है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि गंगा के साथ-साथ उसकी सहायक नदी वरुणा भी उफान पर है, जिससे दोनों ओर से संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
चेतावनी बिंदु के बेहद करीब पहुंचा जलस्तर
गंगा का पानी अभी चेतावनी बिंदु से मात्र 0.3 मीटर नीचे बह रहा है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि यही रफ्तार बनी रही तो आने वाले 24–36 घंटे में पानी चेतावनी बिंदु को पार कर सकता है। प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिया है और संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
घाटों पर रोजमर्रा के कार्य प्रभावित
बढ़ते जलस्तर के कारण घाटों पर होने वाले दैनिक कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। गंगा आरती, जो दशाश्वमेध घाट पर रोज़ाना श्रद्धा से संपन्न होती थी, अब घाट की छतों पर कराई जा रही है। शवदाह क्रियाएं भी अब ऊंचे स्थानों या छतों पर कराई जा रही हैं, जिससे परिजनों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पलायन को मजबूर हुए वरुणा तटवासी
वरुणा नदी के किनारे बसे लोगों के लिए स्थिति और भी विकट हो चुकी है। पानी रिहायशी इलाकों में घुसने लगा है और लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। कई परिवारों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर लिया है।
प्रशासन अलर्ट, लेकिन चिंता बरकरार
जिला प्रशासन ने नाव, राहत सामग्री और स्वास्थ्य दलों को तैयार रखा है।
डीएम, एसडीएम और नगर निगम के अधिकारी लगातार दौरा कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की चिंता कम नहीं हो रही। लोगों को डर है कि अगर पानी और बढ़ा, तो हालात पूरी तरह बेकाबू हो सकते हैं। वाराणसी जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक नगर में इस तरह की बाढ़ की स्थिति न केवल आमजन के जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी गहरा असर डाल रही है।
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