जमुई/बिहार। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला अनंत चतुर्दशी पर्व शनिवार को जमुई जिलांतर्गत गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भक्ति और आस्था के माहौल में संपन्न हुआ। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं और पुरुष व्रतधारी पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना में शामिल हुए।
उलाई नदी के तट पर स्थित ऐतिहासिक माँ दुर्गा मंदिर में पुरोहित उत्तम कुमार झा के नेतृत्व में भक्तों ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की। दिनभर व्रत रखने के बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। वातावरण में मंत्रोच्चारण और भक्ति गीतों की गूंज रही।
पुरोहित झा ने बताया कि महाभारत काल में जब पांडव जुए में सब कुछ हारकर वनवास का कष्ट झेल रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने का परामर्श दिया। युधिष्ठिर ने भाइयों और द्रौपदी के साथ इस व्रत का पालन किया, जिसके बाद उन्हें कष्टों से मुक्ति मिली। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सभी संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस पर्व में श्रद्धालु नमक रहित उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की कथा सुनते हैं। पूजा के बाद व्रतधारी 14 गांठों वाला अनंत सूत्र धारण करते हैं। पुरुष इसे दाहिने हाथ में और महिलाएं बाएँ हाथ में बांधती हैं। इसे अनंत सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
गिद्धौर के साथ-साथ आसपास के गांवों में भी अनंत चतुर्दशी की धूम रही। श्रद्धालु सुशांत साईं सुंदरम, स्वागत गुप्ता, डॉली कुमारी, हरदेव ठाकुर सहित कई लोगों ने पूरे नियम-निष्ठा के साथ पूजा-अर्चना की। मंदिरों में भक्तों की भीड़ से पूरा इलाका आस्था और श्रद्धा के रंग में डूब गया।
सनातन परंपरा में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन से दुखों का अंत होता है।
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