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देवघर : पथरोल काली मंदिर में उमड़ने लगी श्रद्धालुओं की भीड़, जानिये क्या है मान्यताएं

देवघर/झारखंड (Deoghar/Jharkhand), देसी खबर (Desi Khabar), 12 नवंबर 2023, रविवार : देवघर जिले का पथरोल काली मंदिर अपने आप में कई दिलचस्प कहानियां समेटे हुए है. जिले के मधुपुर अनुमंडल के पथरोल स्थित काली मंदिर की स्थापना के पीछे एक अलौकिक कहानी है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में देवी काली की मूर्ति की स्थापना तत्कालीन घाटवाल राज्य के राजा दिग्विजय सिंह ने की थी. यहां पहले, आपरूपी मां काली मंदिर की जगह सिर्फ बेदी की ही पूजा की जाती थी.

जिसके बाद मां काली ने सपने में आकर राजा दिग्विजय सिंह को कोलकाता कालीघाट से प्रतिमा लाकर स्थापित करने का आदेश दिया था. जिसके बाद उन्हें डोली से कंधे पर लादकर पूरे विधि-विधान के साथ लाया गया और वीरभूम जिले के पुरोहित से स्थापना कराया गया जो आज तक यहां विराजमान हैं. दिवाली के मौके पर यहां विशेष पूजा होती है. आज भी उस परिवार के वंशज मां काली की पूजा करते हैं.

इतना ही नहीं, यहां हर दिन मां काली को बकरे की बलि देने की परंपरा भी चली आ रही है. यदि कोई अन्य यहां आकर बलि देने में असमर्थ हो तो राजपरिवार की ओर से बलि दी जाती है. साथ ही रायफल से सलामी देने की भी परंपरा है.

कहा जाता है कि यहां पांच दीपक जलाने से मन की मुरादें पूरी होती है. दिवाली के मौके पर बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा से मां के भक्त यहां पहुंचते हैं. दिवाली से पहले ही यहां मेले जैसा माहौल दिखने लगता है. दिवाली से पहले ही मां के भक्त यहां पहुंचना शुरू कर देते हैं. यहां लाखों की भीड़ जुटती है.