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वाराणसी : बीएचयू में हुआ भूमि पूजन, जाड़ता राजा के ज़रिये छत्रपति शिवाजी की कीर्ति देखेंगे लोग

वाराणसी/उत्तर प्रदेश, 4 नवंबर 2023, शनिवार : छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित जाणता राजा महानाट्य मंचन हेतु बीएचयू के एम्पी थिएटर ग्राउंड में भूमि पूजन का कार्य संपन्न हुआ। भूमि पूजन 11 ब्राह्मणों के द्वारा संपन्न हुआ जिसका नेतृत्व काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य वेंकट रमण घनपाठी एवं मुख्य अर्चक श्री कांत मिश्र ने किया। इस अवसर एक संगोष्ठी का भी आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता पद्मश्री प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी ने किया।

मुख्य वक्ता भवानी नंदन यति जी महाराज ने कहा कि छत्रपति शिवाजी का पूर्वांचल के लोगों ने केवल चित्र देखा है और उनकी शौर्य गाथा को सुना था परंतु जाड़ता राजा के माध्यम से जीवंत स्वरूप देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज सुंदर और सौहार्द जीवन जीने के लिए छत्रपति शिवाजी के जीवन मूल्यों को अपनाना होगा। कहा कि हिन्दू समाज को यह नाट्यमन्चन एक सूत्र में बांधने का काम करेगा। यह नाटक जीवन एवं जगत को एक सूत्र में पिरोने का काम करता है। यति ने कहा कि सनातन मूल्यों के सबसे बड़े प्रहरी शिवाजी थे।

विशिष्ट अतिथि स्वामी विशोखानंद जी ने कहा कि समाज को विनाश से बचाने का कार्य क्षत्रिय करता है।हम मनु महाराज की संतान हैं।उन्होंने ने कहा कि ब्राह्मण कर्म की शिक्षा देता है वह समाज का कुशल मार्गदर्शन करता है।

उन्होंने कहा कि हमें अपना धर्म और कर्म समझना होगा,कहा कि क्षत्रिय के सबसे जरूरी है कि वह प्रजा की रक्षा करे। उन्होंने ने कहा कि क्षत्रिय एकता का परिचय दिए होते तो बाबर का हार का मुंह देखना पड़ता लेकिन तुच्छ प्रलोभन के चक्कर में फंसकर रजवाड़ों ने भारत की दुर्दशा करा दी जो अत्यंत दुर्भाग्य पूर्ण था।

विशिष्ट अतिथि स्वामी यतीन्द्रानंद जूना अखाड़ा ने कहा कि आदि शंकराचार्य के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंदुओं के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति ही पूरी दुनिया को युद्ध से बचा सकता है।उन्होंने कहा कि आज जन जन को जरुरत पड़ने और देश रक्षार्थ शिवाजी बनना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की शिवाजी महाराज आन बान और शान थे।इसीलिए वे दूरदर्शी राजा के रूप में भारतीय समाज में प्रतिष्ठित हैं।इस अवसर सेवा भारती काशी प्रान्त अध्यक्ष श्री राहुल सिंह पूजन के मुख्य जजमान के रूप में भूमि पूजन किया।अवसर पर सभी संतों का विधिवत रूप से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी ने किया।

मुख्य रूप से पदम् श्री प्रोफेसर कमलाकर त्रिपाठी, प्रोफेसर बीसी कापरी, डॉ राघव मिश्र, सेवा भारती के प्रांत महामंत्री जियुत राम विश्वकर्मा, विभाग प्रचारक नितिन, सह सचिव हरिनारायण बिसेन, कोषाध्यक्ष सतीश जैन, गिरीश त्रिपाठी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जाणता राजा महानाट्य आयोजन समिति काशी प्रांत सचिव श्री अनिल नारायण किंजवाडेकर ने किया ।