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वाराणसी : प्रख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की कहानी का हुआ सजीव प्रसारण

वाराणसी/यूपी (Varanasi/UP), देसी खबर (Desi Khabar), 5 नवंबर 2023, रविवार : जिला प्रशासन, संस्कृति विभाग, उ प्र की प्रेरणा से प्रेमचंद मार्गदर्शन केन्द्र ट्रस्ट लमही द्वारा प्रतिदिन आयोजित "सुनो मैं प्रेमचंद" आडियो प्रसारण के 993 दिन पुरे होने पर कहानियों के सजीव प्रसारण का प्रेमचंद स्मारक लमही में मुंशी प्रेमचंद की कहानी का कंचन सिंह परिहार द्वारा किया गया। 

कलाकार का सम्मान प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव व वरिष्ठ साहित्यकार व ट्रस्ट के संरक्षक डा. राम सुधार सिंह ने किया व कहा कि " यह कहानी आज जब की किसानी और बैल का सम्बन्ध खत्म हो गया है, ऐसे में यह कहानी और भी ज़रूरी है। यह अपने परिवेश को बखूबी दर्शाती है। इसमें एक तरफ मानव व पशु प्रेम है, पशुओं का मनोविज्ञान है, अनाथ बच्ची का स्नेहभाव है तो दूसरी और विद्रोह, संघर्ष और आज़ादी की शाश्वत कथा है। यहाँ तत्कालीन शोषित समाज व राजनीतिक चेतना साफतौर पर देखी जा सकती है। इसे स्वतन्त्रता संग्राम से जोड़कर भी देखते, सच तो यह है कि प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से आमजन को संघर्ष व सामूहिकता के लिए प्रेरित किया है।

कार्यक्रम की भूमिका में ट्रस्ट के निदेशक राजीव गोंड ने कहा कि 1931 में लिखी गई यह कहानी आज भी उतनी ही नई लगती है। इसमें जानवरों के मनोविज्ञान और स्नेहभाव को दर्शाती है। हीरा और मोती बैलों की सुन्दर जोड़ी है। जो परस्परता, आत्मीयता, संघर्षशीलता व स्निग्धता अभिभूत करती है।

कहानी के नायक हीरा औरों मोती भारतीय किसान के आँगन, उसके प्रेम, उसकी सादगी और उसके खेतों की पहचान हैं। वे हमारे कृषक के जीवन- भावों का प्रामाणिक प्रतिनिधित्व करते हैं। यह कहानी किसान और उसके बैलों का ही नहीं बल्कि हमारे लोक का भी चरित्र-अंकन करती है। प्रेमचंद अपने कहन से दिल जीत लेते हैं।

उक्त कार्यक्रम में अजय कुमार अजय श्रीवास्तव, रामजी , देव बाबू, उदय, रोहित सुरेश चंद्र दूबे अन्य साहित्यकार व साहित्य प्रेमी, ग्रमीण, उपस्थित रहे। मनोज कुमार विश्वकर्मा ने कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन राजेश श्रीवास्तव ने किया।

Varanasi: Live telecast of the story of famous litterateur Munshi Premchand