वाराणसी/उत्तर प्रदेश (Varanasi/Uttar Pradesh), 1 सितंबर 2024, रविवार : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनी भवन सभागार में "राष्ट्र उन्नति का आधार नागरिक कर्तव्य" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफ़ेसर बिहारी लाल शर्मा तथा मुख्य वक्ता के रूप में आरएसएस के क्षेत्र सेवा प्रमुख युद्धवीर रहे। युद्धवीर ने उद्बोधन में कहा कि आज एक नागरिक के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, सामाजिक समरसता तथा समाज के प्रति एक संवेदनशील नागरिक के रूप में व्यवहार करें। स्वयं के द्वारा एवं अन्य को प्रेरित करके हम राष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। नागरिक कर्तव्य के द्वारा हम एक समृद्ध राष्ट्र एवं उन्नत समाज का निर्माण कर सकते हैं। आज पर्यावरण और जल संरक्षण मानव जाति के लिए चुनौती अपने हुए हैं। एक जिम्मेदार नागरिक के नाते इनके संरक्षण का कर्तव्य हमें करना चाहिए।
अध्यक्षता करते हुए, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि दुनिया में दो प्रकार की धाराएं हैं, एक क्रांति को सामाजिक परिवर्तन का आधार मानती है। दूसरा जो शांति को परिवर्तन का आधार मानती है। भारतीय संस्कृति शांति के आधार पर समाज का संचालन करती है। भारतीय चिंतन में सदैव कर्तव्य केंद्र में रहा है। हमने अधिकार की चिंता नहीं की है। प्रभु श्री राम अपने कर्तव्य परायणता के कारण हमारे आराध्य हैं।
संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी मध्य के मा.भाग संघचालक एवं प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ हेमंत गुप्त ने कहा कि भारत की परंपरा कर्तव्य की प्रेरणा देती है। वीर शिवाजी, प्रभु श्री राम प्रजा के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के कारण हमारे आदर्श हैं। आज दुनिया अधिकारों के संघर्षों का शिकार है। संगोष्ठी में सेल टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद राम त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में मुख्य रुप से डॉ. हरेन्द्र राय, प्रो. राम पूजन पांडे, श्री दिनेश पाठक, डा.राकेश तिवारी, प्रो.रमेश प्रसाद, प्रो. जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. शैलेश कुमार मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. राजनाथ ने किया।