धनबाद/झारखंड (Dhanbad/Jharkhand), 9 मार्च 2025, रविवार : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ(बीएमएस) के बैनर तले पूर्व धोषित कार्यक्रम के तहत शनिवार को बीसीसीएल के समस्त क्षेत्रों में धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों/प्रभारियों अपने -अपने प्रभार क्षेत्र में क्षेत्रीय अध्यक्ष/सचिवों एवं बीएमएस के कार्यकर्ताओ की उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का कार्यक्रम किया गया जिसमें नारी शक्ति माताओं/बहनों को पुष्पगुच्छ, मिठाई, अंगवस्त्र देकर सम्मानित कर इनके मनोबल को बढ़ाया गया और संगठन की ओर से नारी सशक्तिकरण पर बल दिया गया, क्योंकि महिला समाज की आधार स्तंभ है महिलाओं के बिना समाज की परिकल्पना करना भी अधूरी है। आज महिला हर क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज की हुई है ।
हर दिन महिला दिवस होनी चाहिए। बीएमएस आने वाले दिनों में महिला सशक्तिकरण हेतु बृहद पैमाने पर कार्यक्रम करेगा।वहीं बीसीसीएल के सीभी क्षेत्र में धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुरारी तांती, अखिल भारतीय खदान मज़दूर संघ के मंत्री के के सिंह, महामंत्री उमेश कुमार सिंह की विशेष उपस्थिती में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमे क्षेत्रीय प्रभारी क्षेत्रीय/शाखा पदाधिकारियो की उपस्थिति हुई।
अखिल भारतीय खदान मज़दूर संघ के मंत्री के के सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कई देशों में राष्ट्रीय अवकाश होता है। चीन में राज्य परिषद की सलाह के अनुसार, कई महिलाओं को आधे दिन की छुट्टी दी जाती है। दुनिया भर में हज़ारों कार्यक्रम होते हैं, जिनमें मार्च, वार्ता, संगीत कार्यक्रम, प्रदर्शनियां आदि शामिल हैं महिलाओं का उत्थान पुरुषों के पतन के बारे में नहीं है । लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में हर कोई भूमिका निभा सकता है। लैंगिक संतुलन केवल महिलाओं का मुद्दा नहीं है, बल्कि एक आर्थिक मुद्दा भी है महिला दिवस का उद्देश्य केवल महिलाओं को सम्मान देना ही नहीं, बल्कि समाज में उनके अधिकारों को स्थापित करना और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना भी है।
संघ के अध्यक्ष मुरारी तांती ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिवर्ष, 8 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाया जाता हैं। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं।