पटना वीमेंस कॉलेज की पूर्व छात्रा श्रृष्टि की हत्या पर छात्राओं का फूटा ग़ुस्सा, उठाई न्याय की माँग

पटना/बिहार। "मेरी बेटी आप ही लोगों की तरह इसी कॉलेज से पढ़ी थी... और आज उसके पति ने उसे मार डाला।" पटना वीमेंस कॉलेज के मुख्य द्वार पर यह दर्दभरी पुकार किसी आम माँ की नहीं, बल्कि उस माँ की थी, जिसकी शिक्षित, आत्मनिर्भर और तीन बच्चों की माँ बेटी, आज पति की हैवानियत की बलि चढ़ चुकी है।

श्रृष्टि, पटना वीमेंस कॉलेज की पूर्व छात्रा। एक डॉक्टर की पत्नी। 12 वर्षों से विवाह बंधन में बंधी, तीन बच्चों की माँ। और अब, एक ऐसी हत्या की शिकार, जिसे समाज की चुप्पी और सिस्टम की असंवेदनशीलता ने और भी अमानवीय बना दिया। श्रृष्टि की माँ ने बताया कि जब उसने अपने पति की नर्स के साथ अवैध संबंधों का पर्दाफाश किया, तो यह सच उसकी जान ले बैठा। उसके डॉक्टर पति ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। और इसके बाद जो शुरू हुआ, वह न्याय नहीं, सिस्टम की असफलताओं की लंबी श्रृंखला थी।

एक हफ्ते से अधिक समय से श्रृष्टि की माँ थानों के चक्कर लगा रही हैं,  लेकिन हर जगह से या तो टालमटोल मिला, या सन्नाटा। पटना वीमेंस कॉलेज की छात्राओं ने इस हत्या और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छात्राएं बैनर लेकर कॉलेज के बाहर इकट्ठा हुईं। उनके चेहरों पर आक्रोश था, आँखों में आँसू और आवाज़ में न्याय की पुकार।

पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की महासचिव सलोनी राज ने इस घटना को लेकर तीखा सवाल उठते हुए कहा—
जब एक पढ़ी-लिखी, आत्मनिर्भर महिला के साथ ऐसा हो सकता है, तो फिर बाकी महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं? हम सिर्फ़ दुःखी नहीं हैं, हम बेहद ग़ुस्से में हैं।

छात्राओं की मांगें :
  • श्रृष्टि की हत्या की निष्पक्ष जांच कर दोषी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए
  • हत्या के साक्ष्य से छेड़छाड़ करने वालों पर कार्रवाई हो
  • कॉल डिटेल और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की दोबारा निष्पक्ष जांच कराई जाए
  • आरोपी के ‘संबंधों’ के दम पर मिल रहे संरक्षण को खत्म किया जाए
  • श्रृष्टि के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

“श्रृष्टि हममें से एक थी, अब हम उसकी आवाज़ हैं”
छात्राओं ने ऐलान किया कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो यह आंदोलन और तेज़ होगा। उन्होंने कहा कि वे अब चुप नहीं बैठेंगी। इस देश में अगर पढ़ी-लिखी महिलाओं को भी न्याय के लिए सड़कों पर रोना पड़े, तो यह लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है।

प्रशासन की चुप्पी बन रही अपराधियों की ढाल
अब तक आरोपी डॉक्टर पति और उसका परिवार फरार बताया जा रहा है। श्रृष्टि की माँ का आरोप है कि आरोपी ने बच्चों को छिपा दिया है और पुलिस उसकी "पहुंच" के कारण निष्क्रिय बनी हुई है।

इस पूरे घटनाक्रम ने समाज को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और न्याय की उम्मीद अब भी महज़ एक ‘वादे’ भर है?
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