लखीसराय/बिहार (Lakhisarai/Bihar), 19 अप्रैल 2025, शनिवार : बिहार के लखीसराय जिले से एक दिलचस्प प्रेम कहानी सामने आई है, जो इन दिनों पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह कहानी है एक निजी ट्यूशन शिक्षक और उसकी छात्रा की, जिनकी मुलाकात पढ़ाई के दौरान हुई थी, लेकिन वह रिश्ता समय के साथ इतना गहरा हो गया कि आखिरकार वह शादी के पवित्र बंधन में बंध गए।
लखीसराय के अगैया गांव के रहने वाले 24 वर्षीय रामप्रवेश कुमार एक प्राइवेट ट्यूटर के रूप में काम करते हैं। वहीं, गुलनी गांव की रहने वाली 22 वर्षीय ज्योति कुमारी उनकी छात्रा थीं और ट्यूशन पढ़ने के लिए उनके पास आया करती थीं। पढ़ाई के बहाने शुरू हुई यह मुलाकातें धीरे-धीरे दोस्ती में बदलीं और फिर वह दोस्ती कब प्यार में तब्दील हो गई, उन्हें खुद भी पता नहीं चला। यह रिश्ता बीते चार सालों से चल रहा था और दोनों एक-दूसरे को प्रेम करते थे।
हालांकि, जब उन्होंने अपने घरवालों को अपने प्रेम संबंध के बारे में बताया तो दोनों परिवारों ने इस रिश्ते को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। पारिवारिक असहमति के बाद भी दोनों ने अपने प्यार को प्राथमिकता दी और समाज के खिलाफ जाकर अपनी मर्जी से शादी करने का निश्चय किया।
शुक्रवार की रात दोनों अपने-अपने घरों से चुपचाप निकल पड़े और लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित जमुई जिले के गिद्धौर थाना पहुंचे। वहाँ उन्होंने पुलिस को अपनी स्थिति से अवगत कराया और कहा कि वे बालिग हैं और आपसी सहमति से शादी करना चाहते हैं।
थाना प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बहुत समझाया, लेकिन जब दोनों अपने फैसले पर अडिग रहे, तो उनकी मंशा का सम्मान करते हुए गिद्धौर के प्रसिद्ध पंच मंदिर में पुलिस की उपस्थिति में उनकी शादी करवाई गई। मंदिर में विवाह के दौरान अन्य लोग भी मौजूद थे, जिन्होंने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया और उनके साहसिक फैसले की सराहना की।
इस पूरे मामले में एक खास बात यह रही कि ज्योति की शादी पहले से तय थी और 6 मई 2025 को उसका विवाह होने वाला था। उसके परिवारवालों ने शादी की तैयारियाँ पूरी कर ली थीं, यहां तक कि दहेज का इंतजाम भी कर दिया गया था। लेकिन ज्योति ने सामाजिक बंधनों और पारिवारिक दबाव को नजरअंदाज करते हुए अपने सच्चे प्यार को चुना।
शादी के बाद ज्योति ने कहा, "हम दोनों वयस्क हैं और पिछले चार वर्षों से एक-दूसरे से प्रेम करते हैं। हमने अपनी मर्जी से शादी की है। इसमें किसी भी तरह का दबाव या जबरदस्ती नहीं है।"
वहीं, रामप्रवेश ने भी यही बात दोहराई कि यह निर्णय पूरी तरह से आपसी सहमति पर आधारित था और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
इन दोनों की प्रेम कहानी अब इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। लोग कह रहे हैं कि यह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है—जहाँ सच्चा प्यार अंततः सभी सामाजिक बाधाओं को पार कर विजय प्राप्त करता है। छोटे शहरों की ये प्रेम कहानियाँ भी किसी बड़े परदे की कहानी की तरह भावनाओं और संघर्ष से भरी होती हैं।
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