वाराणसी/उत्तर प्रदेश (Varanasi/Uttar Pradesh), 13 अप्रैल 2025, रविवार : वाराणसी में हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर एक भव्य आयोजन “श्री हनुमान प्राकट्य उत्सव” का आयोजन धर्म संघ शिक्षा मण्डल के तत्वावधान में धरोहर संरक्षण सेवा संगठन द्वारा आयोजित किया गया। इस विशेष कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्म संघ शिक्षा मण्डल के महामंत्री श्री जगजीतन पाण्डेय ने की, जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति बिहारी लाल शर्मा रहे।
मुख्य अतिथि श्री शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक उत्सवप्रधान देश है, जहाँ हर पर्व जनमानस में उत्साह और उल्लास भरने का कार्य करता है। उन्होंने बताया कि उत्सव ही वह माध्यम है जिससे समाज को चेतना, ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। श्री हनुमान जी को उन्होंने उत्साह का प्रतीक बताया और कहा कि हनुमान जी की आराधना से व्यक्ति में आत्मबल और लक्ष्य प्राप्ति की क्षमता जागृत होती है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्साहहीन जीवन नीरस और निष्क्रिय हो जाता है, जबकि हनुमान जी की भक्ति व्यक्ति को जीवन की हर कठिनाई से लड़ने की शक्ति देती है।
इस अवसर पर धरोहर संरक्षण सेवा संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के समय में प्रत्येक भारतीय को "केसरिया" बनने की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने "केशर" के निर्माण की प्रक्रिया का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे केशर को बनने से पहले कई कठिन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है—तपना, जलना और पिसना—वैसे ही हर सनातन धर्म के अनुयायी विशेषकर युवाओं को भी अपने धर्म और देश की रक्षा के लिए कठिन साधना व संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए। तभी एक सशक्त सनातन संस्कृति और भारत का निर्माण संभव हो सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान समाज के विभिन्न क्षेत्रों जैसे—खेल, समाज सेवा, चिकित्सा, आध्यात्मिक चेतना, साहित्य, कृषि, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, संगीत, संस्कृति और पत्रकारिता—में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। इन दसों क्षेत्रों से चार-चार चयनित प्रतिभाओं को उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया, जिससे समाज में सकारात्मक प्रेरणा का संचार हो सके।
इस भव्य आयोजन के दौरान संगठन की एक नई पहल "केसरिया भारत" का शुभारंभ भी किया गया। इस पहल का उद्देश्य भारत में चल रहे धर्मांतरण, आजीविका जेहाद, जनसंख्या असंतुलन, पलायन और गौ-हत्या जैसी सामाजिक समस्याओं के विरुद्ध जनजागरण अभियान चलाना है। यह आयाम समाज में सनातन संस्कृति की रक्षा एवं पुनर्स्थापना हेतु एक सशक्त प्रयास होगा।
अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री जगजीतन पाण्डेय ने कहा कि हनुमान जी सदा से ही धर्म और सत्य के रक्षक रहे हैं। जहाँ धर्म है, वहाँ न्याय है, और न्याय से ही समाज में भय का अंत और शांति व आनंद की स्थापना होती है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज को नई दिशा और प्रेरणा मिलती है।
इस कार्यक्रम में विंध्यवासिनी पाण्डेय, सुधीर सिंह, चन्द्र देव पटेल, डॉ. अरविन्द पाण्डेय, उपेंद्र सिंह, राकेश त्रिपाठी, अजय कृष्ण सेठ, राकेश चौबे, बृजेश पाण्डेय, अमन त्रिपाठी, गौरीश सिंह, डा. चंचल दुबे समेत कई गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का संचालन बहुत ही कुशलता के साथ गौरव मिश्र ने किया और धन्यवाद ज्ञापन राजमंगल पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ और ध्वज यात्रा के आयोजन से अत्यंत श्रद्धा एवं भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ।