सुप्रीम कोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर जताई नाराजगी, अवमानना कार्यवाही से किया इनका

नई दिल्ली: दिल्ली में भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई, जहां कोर्ट ने दुबे की टिप्पणी को "बेहद गैरजिम्मेदाराना" बताया और कहा कि यह केवल "ध्यान आकर्षित करने की प्रवृत्ति" को दर्शाती है।

हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका "फूलों की तरह नाजुक नहीं होती", लेकिन साथ ही यह भी कहा कि "अभद्र भाषा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।"

यह टिप्पणी और उस पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। न्यायालय ने संकेत दिया कि वह आलोचना से नहीं डरता, लेकिन गरिमा और मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।

इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक और कानूनी हलकों में बहस तेज हो गई है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और न्यायपालिका की गरिमा के बीच संतुलन कैसे स्थापित किया जाए।
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