अमन समिति के संस्थापक धनंजय बोले — आतंक के खात्मे के बिना अमन की कल्पना अधूरी

"ऑपरेशन सिन्दूर" का विस्तार आवश्यक : धनंजय सिन्हा

पटना/बिहार। अमन समिति के संस्थापक धनंजय कुमार सिन्हा ने एक अहम बयान में कहा है कि अमन और शांति की स्थापना तब तक संभव नहीं जब तक पाकिस्तान स्थित हर आतंकी ठिकाने का समूल नाश न कर दिया जाए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अब केवल चेतावनियाँ देने या भय दिखाने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि आतंकी संगठन अब अमानवीयता की सारी सीमाएँ पार कर चुके हैं।

धनंजय सिन्हा ने "ऑपरेशन सिन्दूर" के तहत की जा रही कार्रवाई को सही ठहराते हुए इसके दायरे को और विस्तारित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा, "अगर इस दौरान पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों के समर्थन में सामने आती है, तो उस पर भी वैसी ही कठोर कार्रवाई होनी चाहिए जैसी आतंकियों पर हो रही है।"

उनके अनुसार, वर्षों से पाकिस्तानी सेना इन आतंकवादी संगठनों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संरक्षण देती रही है। ऐसे में पाकिस्तान में लोकतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए सेना की राजनीतिक शक्ति को सीमित करना आवश्यक है।

भारत की नैतिक ज़िम्मेदारी की बात करते हुए सिन्हा ने कहा, "एक जिम्मेदार पड़ोसी और एशिया की उभरती शक्ति होने के नाते भारत का यह दायित्व बनता है कि वह पाकिस्तान में स्थायी अमन, शांति और एक सशक्त लोकतंत्र की स्थापना के लिए प्रयास करे।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि एशिया में स्थिरता और तेज़ आर्थिक विकास तभी संभव होगा जब आतंकवाद की जड़ें समाप्त हों।

उन्होंने पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठनों को "धर्म का मुखौटा पहनकर इस्लाम को बदनाम करने वाला" बताया और कहा कि इनका पूर्ण खात्मा अब समय की माँग है। अन्यथा, ये तत्व मानवता को लगातार रौंदते रहेंगे।
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