जमुई/बिहार, 22 मई 2025, गुरुवार : विज्ञान एवं गणित में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे (IISER Pune) द्वारा संचालित iRISE (Inspiring India in Research Innovation in STEM Education) परियोजना के अंतर्गत जमुई में तीन दिवसीय जिलास्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण 22 से 24 मई तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), गिद्धौर में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें जिले के 60 विज्ञान एवं गणित शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस कार्यशाला का उद्घाटन प्रभारी प्राचार्य डॉ. सचिन कुमार भारती एवं वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. रश्मि कुमारी द्वारा किया गया। वहीं, SCERT की संयुक्त निदेशक डॉ. रश्मि प्रभा ने ज़ूम के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बिना प्रयोगशाला के संसाधनों से विज्ञान एवं गणित की प्रभावी शिक्षा की बात कही।
प्रशिक्षण के दौरान डॉ. ललन प्रकाश साहनी, डॉ. अनिता मिश्रा, डॉ. कंचन माला तथा डॉ. सुधीर कुमार (व्याख्याता, डायट गिद्धौर) और श्री सुमन कुमार (IISER पुणे) की उपस्थिति रही। प्रशिक्षण का संचालन Innovation Champions (आई.सी.) श्री राजेश कुमार, श्रीमती शोभा सिंह एवं श्री संतोष प्रसाद सिंह द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण की विशेषताएं:
• रटने की बजाय समझने की प्रवृत्ति को बढ़ावा।
• बच्चों को उनके आसपास के परिवेश से जोड़ते हुए, दैनिक जीवन की घटनाओं के माध्यम से विज्ञान एवं गणित की शिक्षा।
• गतिविधि आधारित एवं अन्तर्विषयक (Interdisciplinary) पद्धति को अपनाने पर बल।
• शिक्षकों और विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना।
iRISE कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य:
• STEM शिक्षा में नवाचार के माध्यम से राज्य के विज्ञान एवं गणित शिक्षकों को प्रशिक्षित करना।
• इंस्पायर अवार्ड्स – मानक के लिए अधिक से अधिक नामांकन सुनिश्चित करना।
• राज्य व राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान एवं गणित प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों की भागीदारी को प्रोत्साहन देना।
कार्यशाला के अंतर्गत सभी प्रतिभागी शिक्षक Innovation Coach के रूप में चिन्हित किए जाएंगे एवं उन्हें एक विशेष शैक्षणिक किट भी प्रदान की जाएगी, जो कक्षा में गतिविधि आधारित शिक्षण में सहायक सिद्ध होगी।
यह प्रशिक्षण भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, ब्रिटिश काउंसिल, टाटा टेक्नोलॉजीज एवं टाटा ट्रस्ट के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
STEM शिक्षा में यह प्रयास न केवल शिक्षकों की क्षमता वृद्धि करेगा, बल्कि विद्यार्थियों के भीतर विज्ञान और गणित के प्रति रुचि, नवाचार एवं सृजनशीलता को भी नई दिशा देगा।
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