वाराणसी/उत्तर प्रदेश, 25 जून। बड़ागांव पुलिस की तत्परता और मानवीय संवेदनशीलता से एक युवक की जान बच गई। नशे की हालत में सड़क किनारे पड़े व्यक्ति को न केवल इलाज मुहैया कराया गया, बल्कि पहचान कराकर उसे परिजनों के सुपुर्द भी किया गया। यह घटना वाराणसी पुलिस के जनसेवा भाव और जिम्मेदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते 23 जून की रात करीब 9:40 बजे पीआरबी 0616 को सूचना मिली कि बाबतपुर–कपसेठी मार्ग पर ग्राम गजापुर के पास एक अज्ञात व्यक्ति सड़क किनारे नशे की हालत में पड़ा है। सूचना पर बड़ागांव थाने के उपनिरीक्षक अविनाश सिंह अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। पूछताछ में युवक ने अपना नाम दुर्गेश यादव पुत्र स्वर्गीय ओम प्रकाश यादव बताया, पर अत्यधिक नशे में होने के कारण वह स्पष्ट रूप से अपना पता नहीं बता सका।
तलाशी के दौरान दुर्गेश की जेब से एक रेल टिकट मिला, जो सलेमपुर जंक्शन से लोकमान्य टर्मिनस (मुंबई) का था। युवक की बिगड़ती हालत को देखते हुए उसे तत्काल एंबुलेंस से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बसनी भेजा गया, जहां उसका इलाज कराया गया।
इलाज के बाद 24 जून को होश में आने पर दुर्गेश ने अपना पता बताया, जिसके आधार पर पुलिस ने दूरभाष के माध्यम से परिजनों से संपर्क किया। सूचना मिलते ही उसका भाई मुकेश यादव (निवासी मल्हना महुआआरी, थाना भाटपार रानी, जनपद देवरिया) वाराणसी पहुंचा, जहां पुलिस ने दुर्गेश को सकुशल उसके परिजनों को सौंप दिया।
दुर्गेश ने बताया कि वह सलेमपुर से मुंबई जाने के लिए ट्रेन में सवार हुआ था, लेकिन अत्यधिक नशे के कारण रास्ते में ही ट्रेन से उतरकर अनजाने में बड़ागांव क्षेत्र में पहुंच गया।
थाना बड़ागांव पुलिस की इस तत्परता और सहानुभूति पूर्ण रवैये की परिजनों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की और आभार जताया। यह घटना पुलिस की सामाजिक जिम्मेदारी और मानवीय कर्तव्यों के प्रति उसकी सजगता का परिचायक है।
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