धनबाद/झारखंड। राज्य में शराब बिक्री की जिम्मेदारी भले ही सरकार की हो, लेकिन सरकारी शराब दुकानों में ही नकली शराब बिकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गुरुवार देर रात रांची से पहुंची उत्पाद विभाग की विशेष टीम ने धनबाद के दो सरकारी शराब दुकानों पर छापेमारी कर 450 से अधिक नकली शराब की बोतलें जब्त कीं। इस दौरान पांच सेल्समैन को हिरासत में लिया गया है।
छापेमारी की यह कार्रवाई धनबाद के मेमको मोड़ और गोल बिल्डिंग क्षेत्र की दुकानों पर की गई। टीम ने पाया कि दोनों दुकानों में नकली शराब न सिर्फ खुलेआम बेची जा रही थी, बल्कि एमआरपी से ज्यादा दाम वसूल कर ग्राहकों को लूटा जा रहा था।
शिकायतों के बाद हुई बड़ी कार्रवाई
रांची स्थित उत्पाद मुख्यालय को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि धनबाद जिले की सरकारी शराब दुकानों में नकली शराब बेची जा रही है। इस पर उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बनाई गई। धनबाद उपायुक्त को इसकी जानकारी दी गई और उनके निर्देश पर दंडाधिकारी आरएन ठाकुर को कार्रवाई में शामिल किया गया।
दोनों दुकानों से मिली भारी मात्रा में नकली शराब
गुरुवार देर शाम दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेमको मोड़ और गोल बिल्डिंग स्थित सरकारी शराब दुकानों में एक साथ छापेमारी की गई। मेमको मोड़ स्थित दुकान से 217 बोतलें और गोल बिल्डिंग वाली दुकान से 233 बोतलें नकली शराब जब्त की गई। ये सभी लोकप्रिय ब्रांड की शराब थीं, जिनकी बाजार में भारी मांग रहती है।
पकड़े गए सेल्समैनों की सूची
मेमको मोड़ दुकान:
राजेश कुमार
आकाश सिंह
अजय कुमार सिंह
गोल बिल्डिंग दुकान:
रंजीत कुमार
ब्रजेश कुमार
सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर धनबाद उत्पाद विभाग के हवाले कर दिया गया है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
नई उत्पाद नीति के बीच बड़ा सवाल
झारखंड में सरकार की नई उत्पाद नीति के तहत जल्द ही शराब बिक्री का अधिकार निजी कंपनियों को सौंपा जाना है। ऐसे में सरकारी काउंटरों पर नकली शराब की बिक्री का यह मामला व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
अब देखना यह है कि राज्य सरकार इस घोटाले के दोषियों पर कितनी सख्त कार्रवाई करती है और नकली शराब के इस अवैध नेटवर्क का कितना पर्दाफाश हो पाता है।
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