कोलकाता/पश्चिम बंगाल। शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले लॉ कॉलेज परिसर में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। दक्षिण कोलकाता स्थित प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में 25 जून की रात एक छात्रा के साथ गैंगरेप की सनसनीखेज वारदात ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक आरोपी सत्ताधारी पार्टी TMC से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार यह घिनौनी वारदात रात करीब साढ़े सात बजे से रात 10:50 बजे के बीच कॉलेज परिसर में अंजाम दी गई। पीड़िता ने बताया कि वह रहम की गुहार लगाती रही लेकिन आरोपियों ने उसकी एक न सुनी और बेरहमी से उसके साथ दरिंदगी करते रहे। मामले की सूचना मिलते ही कसबा थाना पुलिस हरकत में आई और 26 जून को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। तीसरे आरोपी को 26 और 27 जून की मध्य रात्रि करीब साढ़े बारह बजे दबोच लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में एक कॉलेज का पूर्व छात्र या स्टाफ सदस्य है, जबकि दो अन्य वर्तमान छात्र हैं। पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है। आरोपियों के राजनीतिक और सामाजिक संपर्कों की भी पड़ताल की जा रही है।
इस शर्मनाक घटना ने लोगों के मन में साल भर पहले हुए आरजी कर मेडिकल कॉलेज गैंगरेप कांड की यादें ताजा कर दी हैं, जब एक छात्रा के साथ हॉस्पिटल परिसर में दरिंदगी की गई थी। उस घटना के खिलाफ डॉक्टरों और आम नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर जमकर विरोध जताया था। अब एक बार फिर कोलकाता में उच्च शिक्षा संस्थान के अंदर महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग की ओर से राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से रिपोर्ट तलब की गई है। आयोग ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है और छात्रा को समुचित सुरक्षा एवं सहायता उपलब्ध कराने की अपील की है।
इस वीभत्स घटना ने न केवल छात्र समुदाय को भयभीत किया है, बल्कि एक बार फिर यह सवाल उठा दिया है कि क्या शिक्षा संस्थानों में बेटियाँ सुरक्षित हैं? क्या राजनीति और सत्ता से जुड़े लोग कानून से ऊपर हैं?
अब देखना यह है कि कानून व्यवस्था पर उठते इन सवालों के बीच सरकार और पुलिस कितनी पारदर्शिता और सख्ती के साथ दोषियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचा पाती है।
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