सोनपुर से जदयू के संभावित चेहरे डॉ. राहुल परमार की बढ़ती चर्चा, संगठन से लेकर नेतृत्व तक गहरी पैठ

सोनपुर/बिहार। सोनपुर विधानसभा सीट पर आगामी चुनावी सरगर्मी तेज होने लगी है और इस बीच जदयू में एक नाम तेजी से सुर्खियों में है – डॉ. राहुल परमार। पार्टी के वरिष्ठ नेता और संगठन के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले डॉ. परमार इस क्षेत्र में जदयू के जुझारू, कर्मठ और शिक्षित चेहरे के रूप में उभरकर सामने आए हैं।

पिछले दो चुनावों से भाजपा के हाथ से फिसलती आ रही यह परंपरागत सीट इस बार महागठबंधन खासकर जदयू के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। स्थानीय स्तर पर सक्रियता, जनसंपर्क और शिक्षा के साथ राजनीतिक चिंतन के कारण डॉ. राहुल परमार की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है।

शीर्ष नेतृत्व से मजबूत संबंध
डॉ. परमार की स्वीकार्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संसदीय बोर्ड अध्यक्ष श्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उन्होंने कई शोधपरक पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें "विकास पुरुष नीतीश कुमार", "सुशासन का दशक", और "सामाजिक न्याय से विकास तक" जैसी कृतियाँ शामिल हैं।

संगठन में उनके संबंध सिर्फ मुख्यमंत्री तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जदयू के अन्य शीर्ष नेताओं में जल संसाधन एवं सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय संगठन महासचिव ललन सिंह, संसदीय बोर्ड के सदस्य अशोक चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सरीखे दिग्गज नेताओं तक उनकी सीधी पहुँच और मजबूत पकड़ बताई जाती है।

ग्रासरूट से लेकर थिंक-टैंक की छवि
डॉ. राहुल परमार न केवल एक लेखक और थिंकर हैं, बल्कि बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। सोनपुर में शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर उन्होंने धरातल पर नित नयी पहल की है। ग्रामीण क्षेत्रों की यात्रा और जनता से संवाद उनका नियमित कार्यक्रम रहा है, जिससे उनकी ग्रासरूट पकड़ मजबूत हुई है।

लौहपुरुष अंदाज़ और साफ-सुथरी छवि
ईमानदार, साफ-सुथरी छवि और संगठनात्मक मजबूती के कारण सोनपुर में जदयू कार्यकर्ताओं से लेकर आम मतदाताओं तक में उनके प्रति भरोसा देखा जा रहा है। यही वजह है कि जदयू सहित महागठबंधन में भी यह चर्चा जोरों पर है कि इस बार सोनपुर में मुकाबला त्रिकोणीय नहीं बल्कि जदयू बनाम भाजपा हो सकता है – और जदयू की ओर से सबसे उपयुक्त प्रत्याशी के रूप में डॉ. राहुल परमार का नाम सबसे आगे है।

पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह
जदयू के स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि पार्टी नेतृत्व सोनपुर से डॉ. राहुल परमार को मौका देता है तो यह सीट महागठबंधन की झोली में जाना लगभग तय है। उनके “संगठन और चिंतन” का डबल फॉर्मूला भाजपा की परंपरागत पकड़ वाले इस क्षेत्र में समीकरण बदलने की क्षमता रखता है। सोनपुर की चुनावी सियासत अब करवट लेने लगी है, और उस करवट की धुरी बनते दिख रहे हैं जदयू के मजबूत और विश्वसनीय नेता डॉ. राहुल परमार।
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