Jamui: राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर दधीचि देहदान समिति ने चलाया जागरूकता अभियान

जमुई/बिहार। राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर रविवार को सदर अस्पताल जमुई के संवाद कक्ष में दधीचि देहदान समिति द्वारा एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के जिला अध्यक्ष प्रदीप केसरी ने की, वहीं मंच संचालन समिति के सचिव दिलीप साहू ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे सिविल सर्जन डॉ. अमित किशोर, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. मोहम्मद नौशाद, मुख्य पार्षद मोहम्मद हलीम, स्वामी आत्मस्वरूप निरंजनानंद, पूर्व पुलिस अधिकारी अजय प्रसाद सिंह, अध्यक्ष प्रदीप केसरी एवं महासचिव महेंद्र बरनवाल ने संयुक्त रूप से संपन्न किया।

इस अवसर पर अतिथियों को पौधा एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान शिव शंकर प्रसाद ने देहदान का संकल्प लिया, वहीं वार्ड पार्षद प्रतिनिधि विनोद केसरी ने किडनी और नेत्रदान की घोषणा कर समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनने का कार्य किया।

समिति की ओर से सिविल सर्जन और अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) को पत्र सौंपकर जमुई में आई बैंक एवं सिकंदरा में ब्लड बैंक की स्थापना की मांग की गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सिविल सर्जन डॉ. अमित किशोर ने समिति को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।

मुख्य पार्षद मोहम्मद हलीम ने कहा कि नगर परिषद के सभी वार्ड पार्षदों की बैठक बुलाकर अंगदान एवं देहदान के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु समिति के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा। डॉ. मोहम्मद नौशाद ने कॉर्निया ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया और इसके महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।

जिला अध्यक्ष प्रदीप केसरी ने कहा कि समिति द्वारा प्रत्येक वार्ड में जागरूकता अभियान चलाकर कैंप लगाए जाएंगे, ताकि समाज में नेत्रदान, अंगदान और देहदान के प्रति लोगों की सोच बदली जा सके और अधिक से अधिक लोग इसमें भागीदार बनें।

इस अवसर पर समिति के उपाध्यक्ष मनोज कुमार, मंटू कुमार, कोषाध्यक्ष रमेश गुप्ता, मीडिया प्रभारी अनुपम कुमार, सलाहकार शंभू कुमार, सहसचिव श्रीकांत बाबू, संरक्षक कुंज बिहारी, पंकज कुमार, चंद्रदेव प्रसाद सिंह, राजकिशोर प्रसाद, प्रो. महेश प्रसाद केसरी, डॉ. ए. मोदी, ओमकार बरनवाल, कृष्णकांत मिश्रा, मुखिया प्रतिनिधि विनोद केसरी, संतोष सिंह सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में अंगदान, नेत्रदान और देहदान के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना और जन-जन तक इसके महत्व को पहुंचाना था, जिसमें समिति ने एक सशक्त पहल की।
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