बिहार : मुख्यमंत्री निशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना से दिव्यांग दंपतियों को मिला संबल


शेखपुरा/बिहार, 6 सितंबर 2025। बिहार सरकार लगातार दिव्यांगजनों के सामाजिक पुनर्वास और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री निशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना, जो आज गरीब और दिव्यांग दंपतियों के जीवन में नई ऊर्जा और आत्मनिर्भरता का संचार कर रही है। इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक मदद देना ही नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों को सम्मानजनक जीवन जीने और समाज में बराबरी से खड़े होने का अवसर प्रदान करना भी है।

इसी क्रम में शेखपुरा जिले में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत दिव्यांग दंपति रुदल पासवान और ज्योति कुमारी को प्रोत्साहन राशि सौंपी गई। प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में दोनों को एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। कार्यक्रम में मौजूद सामाजिक सुरक्षा कोषांग की अधिकारी स्वेता कौर ने जानकारी दी कि इस योजना का लाभ उन्हीं दंपतियों को मिलता है जिनमें किसी एक को कम से कम 40 प्रतिशत निशक्तता हो। लाभार्थी को दिए गए एक लाख रुपये की राशि फिक्स डिपॉजिट के रूप में तीन वर्षों तक सुरक्षित रहती है, जिसके बाद इसे निकाला जा सकता है।

लाभार्थियों ने इस अवसर पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए बताया कि यह राशि उनके जीवन में बड़ा सहारा साबित होगी। रुदल पासवान ने कहा – “अब तक हम टूटी-फूटी दुकान से किसी तरह घर का खर्च चलाते थे, लेकिन पर्याप्त आमदनी नहीं हो पाती थी। अब इस सहायता राशि से हम नई और व्यवस्थित दुकान खोलेंगे। इससे न केवल हमारी आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि हमें रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। हम मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने हम जैसे गरीब दिव्यांगों के लिए यह योजना बनाई।”

इसी तरह ज्योति कुमारी ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके पति भी दिव्यांग हैं और दोनों मिलकर इस राशि से किराने की दुकान का विस्तार करेंगे। “इससे हमें जीवनयापन में आसानी होगी और अपने परिवार को बेहतर ढंग से संभाल पाएंगे।”

सरकार का मानना है कि विवाह प्रोत्साहन योजना केवल आर्थिक मदद नहीं बल्कि सामाजिक पुनर्वास की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे दिव्यांग दंपतियों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपने दम पर रोजगार के साधन विकसित करने के लिए प्रेरित होते हैं।

उल्लेखनीय है कि यह योजना केवल बिहार ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी लागू है। योजना के अंतर्गत पति या पत्नी में से किसी एक के दिव्यांग होने पर दंपति को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यह राशि गृहस्थी जमाने, रोजगार शुरू करने या अन्य घरेलू जरूरतों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होती है। इस प्रकार, मुख्यमंत्री निशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना दिव्यांगों के जीवन में आत्मनिर्भरता, आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सम्मान की दिशा में नई संभावनाओं का द्वार खोल रही है।

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