कंगना रनौत ने आरजेडी को बताया महिला विरोधी पार्टी, कहा – “राजनीति से उखाड़ फेंकना होगा”


मुंबई/महाराष्ट्र, 6 सितंबर 2025 : बिहार की राजनीति में इन दिनों माहौल गरम है। राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी ने विवाद को और भड़का दिया है। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर तक बहस छिड़ गई है। भाजपा और एनडीए के नेता लगातार आरजेडी और कांग्रेस से जवाब मांग रहे हैं। अब इस बहस में भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत भी खुलकर सामने आ गई हैं। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी को महिला विरोधी पार्टी बताया और ऐसी पार्टियों को राजनीति की जड़ों से खत्म करने की अपील की।

कंगना ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा-
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि देश की हर महिला का अपमान है। यह हमारे संस्कारों और भारतीय परंपरा के खिलाफ है। पीएम की मां, जिन्होंने कभी कोई सरकारी सुविधा नहीं ली और साधारण जीवन जीते हुए अपने बेटे को देश का प्रधानमंत्री बनने दिया, उनके बारे में अपशब्द कहना बेहद शर्मनाक है। यह मानसिकता बताती है कि ऐसी पार्टियां आम महिलाओं के बारे में किस तरह की सोच रखती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं की गरिमा और सम्मान पर राजनीति करने वाले दलों का असली चेहरा अब उजागर हो रहा है। “आरजेडी में महिलाओं की इज्जत की कोई जगह नहीं है। ऐसी सोच रखने वाले लोगों को महिलाएं कभी अपना समर्थन नहीं देंगी। जब मैं अपने निजी जीवन में अपमानजनक टिप्पणियों का सामना करती थी, तब भी यही सोच हावी थी। उस दौर की तकलीफ आज भी मेरे लिए एक सदमा है। सवाल यह है कि अगर ये लोग सत्ता में आ गए तो देश की महिलाओं का क्या हाल होगा? इसलिए ऐसी महिला विरोधी पार्टियों को राजनीति से जड़ से उखाड़ फेंकना जरूरी है।”

कंगना ने यह भी कहा कि यह केवल राजनीतिक विरोध की सीमा लांघना नहीं है, बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति को लेकर खतरनाक संदेश देना है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे ऐसे दलों का समर्थन न करें जो लगातार स्त्रियों की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।

इस विवाद पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसी की भी मां के खिलाफ अपशब्द कहना भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा नहीं है। “मां किसी की भी हो, उसका सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है। हम ऐसे शब्दों का समर्थन नहीं करते। मां का नाम लेते ही सुकून मिलता है, फिर वह चाहे किसी की भी हो।”

हालांकि, तेजस्वी यादव ने भाजपा पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के इतिहास में महिलाओं और विपक्षी नेताओं का अपमान करने की घटनाएं भरी पड़ी हैं। “आज जो भाजपा नैतिकता का पाठ पढ़ा रही है, वही पहले सोनिया गांधी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करती रही है। नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल उठाना भी इसी मानसिकता का हिस्सा था। यहां तक कि प्रज्वल रेवन्ना जैसे विवादित नेताओं के प्रचार में खुद प्रधानमंत्री मोदी शामिल हुए थे।”

इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। जहां भाजपा और उसके सहयोगी दल इसे महिलाओं के सम्मान से जुड़ा गंभीर मुद्दा बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे भाजपा की दोहरी नीति और चुनिंदा आक्रोश करार दे रहा है। अब देखना यह है कि यह विवाद आने वाले चुनावी समीकरणों को किस हद तक प्रभावित करता है।
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