गोंडा मेडिकल कॉलेज में जलभराव पर डीएम सख्त, अधिकारियों की लगाई क्लास

गोंडा (उत्तर प्रदेश)। लगातार हो रही बारिश के बाद गोंडा मेडिकल कॉलेज परिसर में जलभराव की समस्या पर जिलाधिकारी (डीएम) ने कड़ा रुख अपनाया। सोमवार को डीएम ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और मौके पर जलभराव देखकर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए समस्या का स्थायी समाधान निकालने के निर्देश दिए।

डीएम ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) को तत्काल मौके पर बुलाया। इसके साथ ही नगर पालिका के अधिकारियों को भी स्थल पर तलब किया गया। डीएम ने सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय की कमी पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जलभराव की समस्या से मरीजों और आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसे हर हाल में खत्म किया जाना चाहिए।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने ड्रेनेज सिस्टम की खामियों को विस्तार से समझा और अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थान में जलभराव किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

बैठक में तय हुआ कि ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएंगे। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग मिलकर ठोस कार्ययोजना बनाएं और जल्द से जल्द स्थायी समाधान की दिशा में काम शुरू करें।

डीएम ने यह भी चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज सुधार कार्य की प्रगति की वे स्वयं नियमित रूप से समीक्षा करेंगे ताकि भविष्य में मरीजों और कॉलेज स्टाफ को जलभराव की समस्या से मुक्ति मिल सके।
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