जमुई/बिहार, 17 सितम्बर 2025, बुधवार : सेवा पर्व के अवसर पर बुधवार को जमुई सदर प्रखंड के मारकट्टा गांव स्थित अंबेडकर सामुदायिक भवन में 8वें राष्ट्रीय पोषण माह का आगाज हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी नवीन कुमार ने दीप प्रज्वलित कर की। मौके पर पारंपरिक अंदाज में गोदभराई और अन्नप्राशन का आयोजन हुआ, जिसमें ग्रामीणों की उत्साही भागीदारी देखने को मिली।
जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं को “पोषण की पोटली” भेंट कर सम्मानित किया और गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार, आयोडीन युक्त नमक के सेवन और टिटनस टीकाकरण की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को नियमित चिकित्सकीय जांच और कैल्शियम-आयरन की पर्याप्त मात्रा लेनी चाहिए, ताकि एनीमिया और कुपोषण की समस्या से बचा जा सके।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थी को 5000 रुपये का सांकेतिक चेक भी सौंपा गया। जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध पौष्टिक आहार की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बताया कि स्थानीय साग-सब्जियां बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद लाभकारी हैं।
इस मौके पर उप विकास आयुक्त, एडीएम, डीपीआरओ वीरेंद्र कुमार, डीपीओ रश्मि रंजन, सीडीपीओ आभा कुमारी, प्रखंड प्रमुख अमित कुमार, मुखिया संतोष यादव समेत महिला पर्यवेक्षक, सेविका, सहायिका और पोषण अभियान के कर्मी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम में आईसीडीएस के अन्य अधिकारी और कर्मी भी मौजूद रहे।
आईसीडीएस अधिकारियों ने जानकारी दी कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर माह की 7 तारीख को गोदभराई की रस्म होती है। यहां गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी जानकारी देने के साथ एएनएम और एंबुलेंस का नंबर भी दिया जाता है, ताकि सुरक्षित संस्थागत प्रसव समय पर कराया जा सके। प्रसव पूर्व जांच के दौरान गर्भवती को 180 दिन तक आयरन की गोली और चार माह बाद कैल्शियम की गोली दी जाती है, जिससे मां और शिशु दोनों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे।
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