बिहार चुनाव में वैज्ञानिक बने विधायक! क्या बनेंगे आईटी मंत्री? जदयू के डॉ. मंजरिक मृणाल की जीत पर बढ़ी चर्चाएँ

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने इस बार कई नई कहानियाँ गढ़ी हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं समस्तीपुर जिले के वारिसनगर से जदयू उम्मीदवार और युवा वैज्ञानिक डॉ. मंजरिक मृणाल, जिन्होंने राजनीति में अपनी शानदार एंट्री दर्ज कराई है। तकनीक और शोध की दुनिया से सीधे विधानसभा तक पहुँचे डॉ. मृणाल अब राज्य की राजनीति में एक नई उम्मीद के तौर पर देखे जा रहे हैं।

अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से एम.टेक और पीएचडी कर चुके डॉ. मृणाल ने बेंगलुरु स्थित आईआईएससी में शोध कार्य किया और एचपी लैब्स में सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत रहे। आधुनिक तकनीक, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और ऊर्जा दक्षता पर आधारित उनके 11 अमेरिकी पेटेंट और 3 भारतीय पेटेंट उनकी विशेषज्ञता का प्रमाण हैं।

इतना ही नहीं, वैज्ञानिक उपलब्धियों के साथ-साथ वे एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जाना-पहचाना चेहरा हैं।

इस युवा वैज्ञानिक ने वारिसनगर सीट से 1,08,968 वोट हासिल किए और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 34,436 वोटों से हराकर पहली बार विधानसभा पहुँचे।

उनकी जीत के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें आईटी या टेक्नोलॉजी से जुड़े विभाग की कमान सौंप सकते हैं? बिहार में तकनीकी क्रांति और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञता वाले चेहरों की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है, ऐसे में डॉ. मृणाल एक मजबूत दावेदार के रूप में उभर रहे हैं।

फिलहाल जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विज्ञान की दुनिया से आए यह युवा चेहरा बिहार सरकार में कैसी भूमिका निभाते हैं। विधानसभा तक पहुंची यह वैज्ञानिक ऊर्जा आने वाले दिनों में राज्य की तकनीकी तस्वीर को कितना बदल पाएगी, यह देखने वाली बात होगी।
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