प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नवादा में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार के विकास और आत्मनिर्भरता का नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब बिहार का नौजवान रोजगार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाएगा, बल्कि यहीं रहकर बिहार का नाम रोशन करेगा। प्रधानमंत्री ने 'विकसित बिहार' के अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि एनडीए सरकार बिहार को समृद्धि, शिक्षा, उद्योग और नवाचार के पथ पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मोदी ने कहा, “मगध प्राचीन भारत की शान रहा है, अब हमें फिर से उसी गौरवशाली इतिहास को लौटाना है। मगध को फिर से ज्ञान और विज्ञान का केंद्र बनाना है। विकसित बिहार बनाना है, जहां हर गांव में अवसर और हर युवा के पास रोजगार हो।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में किसानों, युवाओं और आम जनता से जुड़ी कई योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से अब तक बिहार के किसानों को लगभग 30,000 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने कहा, “पहले की सरकारों ने छोटे किसानों की कभी चिंता नहीं की। उनके लिए बैंक के दरवाजे बंद रहते थे। लेकिन ये मोदी है, जो गरीब के दरवाजे पर जाकर उसका हक दिलाता है।”
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये देती है, और अब बिहार की एनडीए सरकार ने घोषणा की है कि वह इसके अतिरिक्त 3,000 रुपये और देगी। उन्होंने कहा, “यह है डबल इंजन सरकार की ताकत — जो दिल्ली से योजना बनाती है, उसे पटना तक सही रूप में लागू करती है।”
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बिहार की बौद्धिक परंपरा और ऐतिहासिक महत्ता पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बिहार की यह धरती आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञों की भूमि रही है। “यहां के लोगों की बुद्धिमत्ता, गणना शक्ति और सामान्य ज्ञान पूरे देश में प्रसिद्ध है। मगर कुछ लोगों ने बिहार की इस प्रतिभा का कभी सम्मान नहीं किया। जो लोग चारा घोटाले में डूबे रहे, वे आज बिहार की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब जनता सब समझती है — अब बिहार को ठगा नहीं जा सकता।”
नवादा जिले में हो रहे औद्योगिक विकास का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार का सबसे बड़ा तैरता हुआ बिजली घर यहीं बनकर तैयार हो गया है, जो आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में बिहार में सैकड़ों उद्योग स्थापित होंगे। बिहार में अब मोबाइल फोन बनेंगे, इलेक्ट्रिक व्हीकल तैयार होंगे, यहां के कपड़े दुनिया भर में निर्यात होंगे।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार का भविष्य अब रोजगार देने वाला बनेगा, रोजगार खोजने वाला नहीं। अब बिहार का नौजवान बिहार में ही काम करेगा, बिहार का नाम करेगा। जिस मिट्टी ने आर्यभट्ट, चाणक्य और गुरु गोविंद सिंह जैसे महान व्यक्तित्व दिए, वही मिट्टी अब आधुनिक भारत के निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभाएगी।
सभा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर जनसमूह ने बार-बार तालियों और नारों के साथ उनका स्वागत किया। पूरा नवादा “विकसित बिहार, मोदी सरकार” के नारों से गूंज उठा। प्रधानमंत्री ने जनता से अपील की कि वे एनडीए के नेतृत्व पर विश्वास बनाए रखें, क्योंकि यही वह सरकार है जो बिहार को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
प्रधानमंत्री के इस संबोधन ने न केवल विकास का खाका पेश किया, बल्कि बिहार के नौजवानों के मन में एक नया विश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना भी जगा दी कि अब बिहार बदलेगा, और बिहार का भविष्य बिहार के हाथों में होगा।
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