नई दिल्ली, 2 नवंबर 2025, रविवार : भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को जानकारी दी कि अक्टूबर 2025 में देश में यात्री वाहनों (Passenger Vehicles) की बिक्री अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वित्त मंत्री ने इस रिकॉर्ड वृद्धि का श्रेय जीएसटी में की गई कटौती, सरकारी सुधारों और त्योहारी सीजन में बढ़ी मांग को दिया।
वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —
“अक्टूबर माह में भारत की यात्री वाहन इंडस्ट्री ने मात्रा के हिसाब से नया रिकॉर्ड बनाया है। जीएसटी सुधार और मजबूत त्योहारी मांग के कारण कई ऑटो कंपनियों ने अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री दर्ज की है। यह भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता विश्वास का संकेत है।”
उद्योग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 17.23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,70,227 यूनिट्स पर पहुंच गई। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 4,01,105 यूनिट्स थी।
इससे पहले, जनवरी 2025 में सबसे अधिक 4,05,522 यूनिट्स की बिक्री हुई थी, लेकिन अक्टूबर के आंकड़ों ने उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। वित्त मंत्री ने कहा, “यह अब तक की सबसे बेहतर घरेलू मासिक बिक्री है, जिसने जनवरी 2025 के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।”
📈 ऑटो सेक्टर में आई नई जान
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जीएसटी ढांचे में किए गए सरलीकरण और कर दरों में मामूली कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं को मिला है। इससे वाहन खरीदना पहले की तुलना में अधिक सुलभ हुआ। इसके साथ ही, दिवाली और नवरात्रि जैसे त्योहारी अवसरों पर दिए गए आकर्षक फेस्टिव ऑफर्स, जीरो डाउन पेमेंट स्कीम और लो इंटरेस्ट ईएमआई विकल्पों ने भी बाजार को नई रफ्तार दी।
ऑटो उद्योग विश्लेषक अनिल शर्मा ने कहा, “अक्टूबर में उपभोक्ता भावना बहुत मजबूत रही। लोग महामारी के बाद से आर्थिक रूप से स्थिर महसूस कर रहे हैं। इसके साथ ही जीएसटी में राहत ने ग्राहकों को खरीदारी के लिए प्रेरित किया।”
प्रमुख कंपनियों की शानदार बिक्री
किआ इंडिया ने अक्टूबर 2025 में 29,556 यूनिट्स की बिक्री की, जो कंपनी के भारतीय बाजार में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
स्कोडा ऑटो इंडिया ने 8,252 यूनिट्स की बिक्री दर्ज कर अपनी अब तक की सबसे बड़ी मासिक बिक्री हासिल की।
महिंद्रा एंड महिंद्रा, निसान मोटर इंडिया, और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों ने भी अक्टूबर में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की।
एसयूवी और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है, जो भारत में उपभोक्ताओं की बदलती पसंद का संकेत देता है।
सरकार का लक्ष्य — “मेक इन इंडिया” से “ड्राइव इन इंडिया” तक
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य केवल वाहनों की बिक्री बढ़ाना नहीं, बल्कि भारत को वैश्विक ऑटो निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा, “मेक इन इंडिया अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि हर भारतीय उद्योग की हकीकत बन चुका है। आने वाले वर्षों में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन मोबिलिटी का नेतृत्व करेगा।”
अक्टूबर 2025 का यह रिकॉर्ड प्रदर्शन न केवल भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि उपभोक्ता विश्वास और सरकार की नीतिगत सफलता का भी प्रतीक है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यही रफ्तार बरकरार रही, तो आने वाले महीनों में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार बन सकता है। जीएसटी सुधार, उपभोक्ता भरोसा और त्योहारी मांग, तीनों ने मिलकर भारत के ऑटो उद्योग की रफ्तार को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
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