लखनऊ/उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने खनन और परिवहन विभाग से जुड़े एक बड़े अवैध वसूली सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। यह सिंडिकेट ओवरलोड ट्रकों से अवैध रूप से वसूली कर करोड़ों रुपए की काली कमाई कर रहा था। कार्रवाई के तहत एसटीएफ ने शैलेंद्र पटेल सिंडिकेट से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें फतेहपुर के जिला खनन अधिकारी देशराज पटेल का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार, देशराज पटेल अपने रिश्तेदार शैलेंद्र पटेल के माध्यम से यह पूरा रैकेट चला रहे थे। गिरोह द्वारा ओवरलोड ट्रक पास कराने और बिना रवन्ना (परिवहन अनुमति) वाले ट्रकों को खदान से निकलवाने के नाम पर प्रति ट्रक 5 से 7 हजार रुपये तक की अवैध वसूली की जाती थी। मौरंग से लदे ट्रकों को बिना रोकटोक गुजरने देने के लिए यह रैकेट कई जिलों तक फैला हुआ था।
एसटीएफ ने फतेहपुर, उन्नाव और रायबरेली जिलों में एक साथ छापेमारी कर गिरोह से जुड़े 6 लोकेटरों सहित कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि रायबरेली के एआरटीओ (सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) और पीटीओ (परिवहन अधिकारी) पर भी इस रैकेट से जुड़ाव के आरोप लगे हैं। इसके अलावा फतेहपुर और रायबरेली के अन्य परिवहन अधिकारी भी इस अवैध कमाई के खेल में शामिल बताए जा रहे हैं।
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि यह सिंडिकेट मौरंग खदानों से निकलने वाले ट्रकों से नियमित रूप से वसूली करता था और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ट्रकों को बिना जांच के पास कराया जाता था। ओवरलोड ट्रकों से मिलने वाली रकम का बंटवारा खनन, परिवहन विभाग और लोकेटरों के बीच तय हिस्से के अनुसार किया जाता था।
फिलहाल एसटीएफ ने देशराज पटेल समेत सभी आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह कार्रवाई राज्य सरकार की उस मुहिम का हिस्सा बताई जा रही है, जिसके तहत खनन और परिवहन विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का अभियान चलाया जा रहा है।
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