
नई दिल्ली, 29 दिसंबर। आज के समय में छोटी-सी बीमारी होते ही खुद से दवा लेना आम बात हो गई है। हल्की खांसी, जुकाम, बुखार या गले में खराश होने पर लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए सीधे मेडिकल स्टोर पहुंच जाते हैं और एंटीबायोटिक्स खरीदकर सेवन शुरू कर देते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत बेहद खतरनाक है और इसका सीधा असर किडनी सहित शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों पर पड़ सकता है।
किडनी रोग विशेषज्ञों के अनुसार, एंटीबायोटिक्स ऐसी दवाएं हैं जो केवल बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज के लिए बनाई गई हैं। इन्हें हर प्रकार की बीमारी, खासकर वायरल इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम या सामान्य बुखार में लेना न सिर्फ बेकार है, बल्कि सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। बार-बार और बिना जरूरत एंटीबायोटिक्स का सेवन किडनी पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि वायरल इंफेक्शन के मामलों में एंटीबायोटिक्स बिल्कुल भी कारगर नहीं होतीं। ऐसे इंफेक्शन में हमारा शरीर खुद ही 3 से 5 दिनों के भीतर वायरस से लड़कर ठीक हो जाता है। इस दौरान एंटीबायोटिक्स लेने से बीमारी जल्दी ठीक होने के बजाय शरीर को नुकसान हो सकता है। लंबे समय तक ऐसा करने से किडनी को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है और गंभीर किडनी रोगों की आशंका भी बन सकती है।
डॉक्टरों का कहना है कि बिना सलाह दवा लेने का एक और बड़ा खतरा यह है कि शरीर में मौजूद बैक्टीरिया इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं। इसे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस कहा जाता है। इसके कारण भविष्य में जब वास्तव में एंटीबायोटिक्स की जरूरत पड़ती है, तब ये दवाएं असर करना बंद कर देती हैं। यह स्थिति मरीज के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है।
सिर्फ किडनी ही नहीं, एंटीबायोटिक्स के गलत और जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से शरीर में कई अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। इनमें एलर्जी, उल्टी-दस्त, पेट दर्द, पाचन संबंधी गड़बड़ी और शरीर के अच्छे बैक्टीरिया का नष्ट होना शामिल है। अच्छे बैक्टीरिया के खत्म होने से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ता है, जिससे व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि सर्दी-जुकाम और वायरल इंफेक्शन के दौरान एंटीबायोटिक्स लेने के बजाय घरेलू और सुरक्षित उपाय अपनाए जाएं। जैसे गुनगुने पानी से गरारे करना, भाप लेना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, पौष्टिक आहार लेना और पूरा आराम करना। ये उपाय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और बिना किसी दुष्प्रभाव के बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं।
अंत में विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि किसी भी दवा का सेवन, खासकर एंटीबायोटिक्स, डॉक्टर की सलाह के बिना न करें। थोड़ी सी सावधानी न सिर्फ किडनी को सुरक्षित रख सकती है, बल्कि पूरे शरीर को गंभीर बीमारियों से बचाने में भी अहम भूमिका निभा सकती है।
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