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चंदौली : झूठा केस लगाने की धमकी देकर बलुआ थानाध्यक्ष ने शिक्षिका को थाने से भगाया

चंदौली/उत्तर प्रदेश (Chandauli/Uttar Pradesh), देसी खबर (Desi Khabar), 11 जनवरी 2024, गुरुवार | रिपोर्ट - आनंद कुमार : एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार बेहतर कानून व्यवस्था का दावा करती है और महिला सुरक्षा को लेकर आये दिन ये बताती है कि यूपी में महिला उत्पीड़न के मामले में यूपी पुलिस काफी एक्टिव है। लेकिन चंदौली जिले में एक ऐसा मामला सामने आया जो इन दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है।

बलुआ थाना क्षेत्र के टांडा इलाके में स्थित श्री सरस्वती इंटर कालेज से की शिक्षिका ने प्रधानाचार्य पर शिक्षिकाओं और छात्राओं की निजता का हनन करने का आरोप लगाया है। शिक्षिका की माने तो चेंजिंग रूम और एमएमएम रूम में चोरी से लगाए गए सीसीटीवी कैमरे की मदद से प्रधानाचार्य द्वारा वीडियो भी बनाया जाता है। जिसकी शिकायत शिक्षिका ने महिला हेल्प लाइन नंबर 1090 पर किया। यही नहीं शिक्षिका शिकायत लेकर बलुआ थाना पर भी गयी।

लेकिन थाना प्रभारी द्वारा शिक्षिका को कालेज प्रशासन पर झूठा आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए शिक्षिका को डांट फटकार कर थाने से भगा दिया जाता है। यही नहीं शिक्षिका ने ये भी आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष ने शिक्षिका पर फर्जी मामला दर्ज करने की धमकी भी दी। इन सब के बाद भी शिक्षिका ने हार नहीं मानी और सोमवार को दिन में 12 बजे एसपी कार्यालय पहुंची। दोपहर से शाम तक शिक्षिका एसपी से मिलने का इंतजार करती रही। हेल्प डेस्क पर प्रार्थना पत्र देने के बाद भी शिक्षिका को एसपी चंदौली से मिलने नहीं दिया गया।

दोपहर बाद एसपी कार्यालय में बैठी शिक्षिका को बलुआ थाना जाने की बात कहकर सीओ ने टरका दिया। मामले की जानकारी मीडिया को हुई तो मीडिया कर्मी कवरेज करने पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्वांचल भास्कर ने घटना को लेकर सीएम योगी, डीजीपी यूपी और यूपी पुलिस को टवीट किया। तब कही जाकर जब लखनऊ से फटकार लगी तो चंदौली पुलिस हरकत में आई और ट्वीटर पर जवाब दिया कि मामले में जांच के लिए सीओ सकलडीहा को निर्देशित किया गया है।

जबकि सोमवार की देर शाम अपर पुलिस अधीक्षक विनय कुमार सिंह का बयान जारी किया गया। जिसमे उन्होंने आरोपों को गंभीर बताया और मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की बात कही। एसपी कार्यालय पहुंची मां सरस्वती इंटर कालेज की सहायक अध्यापिका खुशबू सिंह ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि पूरा मामला चार जनवरी का है। उस दिन जब वह भीगे कपड़ों को व्यवस्थित कर रही थी तो चोरी से लगाए गए सीसीटीवी कैमरे पर उसकी नजर पड़ी। उसका संबंध प्रधानाचार्य कक्ष से होने की पुष्टि हुई तो उसने प्रधानाचार्य कक्ष में पहुंचकर कंप्यूटर स्क्रीन पर लाइव विडियो फुटेज चलते देखा।

इस बाबत शिक्षिका ने प्रधानाचार्य से लेकर प्रबंधक तक से शिकायत की। लेकिन किसी ने कुछ नहीं बोला। इस दौरान उन्होंने महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 पर भी सूचना दी तो चौकी प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर प्रधानाचार्य से पूछताछ कर चलते बने। तब शिक्षिका अपने पति के साथ बलुआ थाने पहुंचकर प्रार्थना पत्र देना चाहा तो वहां थाना प्रभारी द्वारा फरियादी की फरियाद सुने बिना झूठे आरोप लगाने की बात कहकर फर्जी मुकदमा लिखने की धमकी देते हुए थाने से भगा दिया गया।

शिक्षिका ने बताया कि इस दौरान महिला कांस्टेबल द्वारा उसका मोबाइल और पति का मोबाइल भी छीन लिया गया और थाने से भगा दिया। शिक्षिका ने बताया की आज प्रार्थना पत्र लेकर एसपी ऑफिस चंदौली आई हूं। कई घंटे बैठाए जाने के बाद भी एसपी से मिलने नहीं दिया गया। सीओ ने प्रार्थना पत्र लेकर बलुआ थाना जाने की बात कही है। महिला शिक्षिका ने इस दौरान एसपी से मिलने तक कार्यालय में बैठने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

बड़ा सवाल ये उठता है कि जिस बलुआ थानाध्यक्ष ने शिक्षिका को थाने से झूठे केस में फ़साने की धमकी देकर भगा दिया। उस थानाध्यक्ष के खिलाफ एसपी चंदौली क्या कार्यवाई करेंगे और बिना शिक्षिका की शिकायत पर किसी भी तरह की जांच किये किस आधार पर बलुआ थानाध्यक्ष ने शिक्षिका को बता दिया कि उसके आरोप फर्जी है। अब ये भी देखना दिलचस्प होगा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में किस पर क्या कार्यवाई होती है।

Chandauli: "Balua Police Station Officer" chased away the teacher from the police station by threatening to file a false case.