वाराणसी/उत्तर प्रदेश (Varanasi/Uttar Pradesh), 3 अगस्त 2024, शनिवार : वाराणसी के पांडेपुर स्थित ईएसआईसी अस्पताल (ESIC Hospital) में आजकल भारी दुर्व्यवस्था दिख रही है। यहां प्रतिदिन पूर्वांचल के हजारों मरीज इलाज करने आते हैं डॉक्टर को दिखाने के बाद जब दवा की पर्ची लेकर मरीज अस्पताल के काउंटर पर पहुंचते हैं तो उन्हें मामूली दवाएं देकर वापस कर दिया जा रहा है। अन्य दवाएं बाहर से खरीदने की मजबूरी से सामान्य लोग बेहद परेशान हैं। सर्वाधिक दिक्कत शुगर बीपी से त्रस्त मरीजों को हो रही है जो बिना दवा के एक दिन नहीं रह सकते। शुगर के कई मरीज ने आज काशी संदेश रिपोर्टर को बताया कि आधी अधूरी दवा देकर उन्हें वापस किया जा रहा है। शुगर ,बीपी की महंगी दवाई अस्पताल से नहीं मिल रही है।
चौंकाने वाली बात है कि यहां एक्सरे जांच के बाद लोगों की एक्सरे रिपोर्ट की फिल्म नहीं बल्कि उसकी छाया प्रति मोबाइल में दी जा रही है। पूछने पर कर्मचारी दबी जुबान से बताते हैं कि , न जाने क्या चक्कर है कि लगभग 1 साल से उन्हें एक्स-रे फिल्म ही नहीं मिल रही है। मजबूरी में उन्हें एक्सरे की रिपोर्ट मरीज के मोबाइल नंबर ( व्हाट्सएप) पर दिया जा रहा है।
बताते चले की कम आय वाले कर्मचारियों पर इलाज के खर्च का बोझ कम रहे और कोई अनहोनी होने की स्थिति में परिवार को मदद हो सके, इसके लिए केन्द्रीय श्रम मंत्रालय कर्मचारी राज्य बीमा (ESIc) योजना चलाता है। इस योजना का फायदा निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलता है। इसके मद्दे नजर कर्मचारी को ESIc कार्ड जारी होता है। अगर कोई ESIc के तहत मिलने वाले मुफ्त इलाज का लाभ लेना चाहता है तो उसे ESIc डिस्पेंसरी या हॉस्पिटल में जाना होता है। इसके लिए कर्मचारी ESIc कार्ड या फिर कंपनी से लाए गए दस्तावेज के आधार पर स्कीम का फायदा ले सकता है।
उपचार के लिए अस्पताल पहुंची आशापुर निवासी शुगर की पेशेंट मीरा देवी, मिर्जामुराद की पेशेंट मंगला देवी आदि ने बताया कि आजकल , सामान्य मरीज को पूरी दवा यहां नहीं मिल रही। खुद उन्हें आज दवा बाहर से खरीदना पड़ा। आजकल अस्पताल में दलाल भी खूब घूम रहे हैं। दवा न मिलने की स्थिति में वह तुरंत दुकान का पता भी बताते हैं जो स्थानीय, चिकित्सा कर्मियों से भी मिले हो सकते हैं। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी तथा चिकित्सा विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों से ध्यान देने की मांग की है ताकि गरीब मरीजों को चिकित्सा में सहूलियत हो सके।