वाराणसी में 588 करोड़ रुपये की लागत से होगा विद्युत व्यवस्था का बुनियादी सुधार : रविन्द्र जायसवाल

वाराणसी/उत्तर प्रदेश। यूपी सरकार के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रविन्द्र जायसवाल ने वाराणसी जनपद की विद्युत व्यवस्था में व्यापक सुधार हेतु 588 करोड़ रुपये की स्वीकृत धनराशि से प्रस्तावित कार्यों को शीघ्रातिशीघ्र सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर प्रारंभ कराए जाने के निर्देश विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दिए हैं।

मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने बताया कि इस बड़े पैमाने पर मिल रही वित्तीय सहायता के अंतर्गत जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक विद्युत सुधार कार्य कराए जाएंगे। इनमें प्रमुख रूप से पुराने एवं जर्जर हो चुके लगभग 2000 विद्युत ट्रांसफार्मरों को बदला जाएगा तथा 250 किलोमीटर तक फैले जीर्ण-शीर्ण विद्युत तारों को हटाकर उनके स्थान पर नई, मजबूत और आधुनिक विद्युत लाइनें बिछाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति प्रणाली को और सुदृढ़ बनाने के लिए 10 नए विद्युत उपकेंद्रों का निर्माण भी प्रस्तावित है।

मंत्री ने जानकारी दी कि सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस योजना के कार्यान्वयन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयासों से वाराणसी को यह ऐतिहासिक सौगात मिली है, जो जनपद के बिजली ढांचे में आधारभूत परिवर्तन लाएगी।

उन्होंने यह भी स्मरण कराया कि वर्ष 2012 में जब वह विधायक थे, तब उन्होंने अपने विधायक निधि से वाराणसी के विद्युत तारों को बांस-बल्लियों से मुक्त कराने का अभियान प्रारंभ किया था। उस समय भी कुछ क्षेत्रों में सुधार कार्य कराए गए थे। योगी सरकार के गठन के बाद इस दिशा में 10 करोड़ रुपये शासन से प्राप्त हुए, लेकिन अपेक्षित धनराशि के अभाव में कार्य को पूर्ण रूप से सम्पन्न नहीं किया जा सका। अब जबकि 588 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि स्वीकृत हुई है, तो निश्चित ही जिले में विद्युत व्यवस्था के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार देखने को मिलेगा।

रविन्द्र जायसवाल ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जर्जर तारों की पहचान हेतु एक माह के भीतर सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया जाए। इसके उपरांत जहां-जहां भी खराब अथवा लटकते हुए तार दिखाई दें, वहां प्राथमिकता के आधार पर उन्हें बदला जाए और बांस-बल्लियों से मुक्त कर विद्युत व्यवस्था को सुरक्षित और मजबूत बनाया जाए।

इस बैठक में विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा मंडल अध्यक्ष, क्षेत्रीय पार्षदगण एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। मंत्री ने सभी से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में विद्युत सुधार कार्यों की निगरानी करें और विभाग को आवश्यक सहयोग प्रदान करें, जिससे निर्धारित समयसीमा में कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके।
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