फतेहाबाद/हरियाणा (Fatehabad/Hariyana), 29 अप्रैल 2025, मंगलवार : कभी पाकिस्तान की संसद में हिंदुओं की आवाज़ उठाने वाले दिवायाराम आज भारत में आइसक्रीम और मूंगफली बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं। हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रतनगढ़ गांव में रहने वाले 80 वर्षीय दिवायाराम पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सरकार में सांसद रह चुके हैं। लेकिन पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से परेशान होकर उन्होंने 25 साल पहले भारत में शरण ली।
★ 25 साल पहले छोड़ा पाकिस्तान, अब भारत में बिता रहे जीवन
दिवायाराम 2000 में अपने 30 सदस्यों वाले परिवार के साथ टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। वीजा खत्म होने के बाद उन्होंने भारत में ही रहने की गुहार लगाई। सामाजिक संगठनों की मदद से उन्हें अस्थायी रूप से रुकने की अनुमति मिली। अब वे फतेहाबाद के रतनगढ़ गांव में स्थायी रूप से बस चुके हैं।
★ सांसद रहते हुए भी नहीं मिली सुरक्षा
पाकिस्तान में दिवायाराम के पास 25 बीघा जमीन थी और वे सांसद के रूप में चुने गए थे। बावजूद इसके, वहां के कट्टरपंथियों ने उनके परिवार पर अत्याचार किए। उनकी नातिन का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की गई। विरोध करने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकियां दी गईं। मजबूर होकर उन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा।
★ नागरिकता कानून से जगी नई उम्मीद
दिवायाराम के परिवार के 6 लोगों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, जबकि शेष सदस्यों ने आवेदन किया हुआ है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) से उन्हें उम्मीद है कि अब उनका परिवार भी पूरी तरह से भारत का नागरिक बन पाएगा।
★ “भारत में ही जीना–मरना है”
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिवायाराम एक बार फिर चर्चा में आए। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,
“हम भारत में ही रहना चाहते हैं, यही हमारा देश है। अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने का मौका मिला, तो मैं सबसे पहले हथियार उठाऊंगा।”
★ CAA से कई शरणार्थियों को राहत
CAA के तहत हाल ही में दिल्ली समेत कई राज्यों में पाकिस्तानी शरणार्थियों को नागरिकता दी गई है। दिवायाराम की तरह सैकड़ों हिंदू परिवार पाकिस्तान में प्रताड़नाओं का शिकार होकर भारत आए हैं, जिन्हें अब एक नई जिंदगी मिलने की उम्मीद है।
दिवायाराम की कहानी न सिर्फ एक शरणार्थी की, बल्कि भारत की मानवता और सहिष्णुता की भी गवाही देती है।
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