पटना/बिहार (Patna/Bihar), 16 अप्रैल 2025 : बिहार की ऐतिहासिक धरती एक बार फिर बदलाव की राह पर अग्रसर है, और इस बार यह परिवर्तन न किसी राजनीतिक दल के झंडे तले हो रहा है, न किसी चुनावी वादे के तहत, बल्कि यह है एक सामाजिक-सांस्कृतिक नवजागरण—लेट्स इंस्पायर बिहार।
इस आंदोलन के केंद्र में हैं बिहार कैडर के चर्चित और ईमानदार आईपीएस अधिकारी विकास वैभव, जो अपने सेवा कार्यों के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव की अलख जगा रहे हैं। उनका लक्ष्य है – विकसित बिहार 2048।
जहाँ राजनीति जाति और धर्म की संकीर्ण सीमाओं में उलझी दिखती है, वहीं विकास वैभव (IPS Vikas Vaibhav) बिना किसी राजनीतिक एजेंडे, निस्वार्थ भाव से, बिहार को एक नई दिशा देने में लगे हैं। पिछले चार वर्षों में “नमस्ते बिहार” जैसे आयोजनों के ज़रिए उन्होंने राज्य के कोने-कोने में युवाओं, महिलाओं, छात्रों और शिक्षकों को जोड़ने का सफल प्रयास किया है।
22 मार्च 2025 को पटना के बापू सभागार में हुआ आयोजन ऐतिहासिक बन गया, जब 15,000 से अधिक लोग एकत्र हुए—यह केवल एक वर्षगांठ नहीं थी, बल्कि एक विश्वास का उत्सव था। लोगों का यह समर्थन एक ऐसे व्यक्ति के लिए था जो सिस्टम का हिस्सा होते हुए भी उससे आगे की सोच रखता है।
लेट्स इंस्पायर बिहार (Let's Inspire Bihar) न कोई पार्टी है, न ही कोई पारंपरिक संगठन। यहाँ न सदस्यता कार्ड हैं, न पद की राजनीति। यह मंच नागरिक चेतना को जगाने और “बिहारियत” को गर्व से जीने की प्रेरणा देता है।
विकास वैभव की यह पहल इस बात की मिसाल है कि ईमानदारी और दूरदर्शिता के साथ सिस्टम के भीतर रहकर भी बदलाव लाया जा सकता है। वे न किसी पार्टी से जुड़े हैं, न ही कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखते हैं। उनका संवाद जनता से सीधा है—दिल से दिल तक।
लेट्स इंस्पायर बिहार अब केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा को झकझोरने वाली एक सशक्त लहर बन चुकी है। यह एक ईमानदार व्यक्ति की ईमानदार कोशिश है, जिसे बिहार खुले दिल से अपना रहा है और आगे भी इसके साथ खड़ा दिख रहा है।
यह परिवर्तन की वह बयार है जो भविष्य के बिहार की नींव रख रही है—एक आत्मनिर्भर, जागरूक और विकसित बिहार की नींव।
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