बांग्लादेश में हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की निर्मम हत्या, भारत ने की कड़ी निंदा

ढाका/बांग्लादेश (Dhaka/Bangladesh), 19 अप्रैल 2025, शनिवार : बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय की अज्ञात हमलावरों द्वारा अपहरण के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना गुरुवार को हुई, जिसने अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भाबेश की पत्नी शांतना रॉय के अनुसार, गुरुवार दोपहर करीब 4:30 बजे भाबेश को एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें कॉलर ने केवल यह पूछा कि वह घर पर हैं या नहीं। आधे घंटे बाद, दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार लोग उनके घर पहुंचे और भाबेश को जबरदस्ती अपने साथ ले गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्हें पास के नराबाड़ी गांव ले जाया गया, जहां उनकी बेरहमी से पिटाई की गई।

शाम को हमलावरों ने भाबेश को बेहोशी की हालत में एक वैन से उनके घर भिजवाया। परिजन उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां से उन्हें दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस जघन्य घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया। बयान में कहा गया, "हमें बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और हत्या की जानकारी मिली है। यह घटना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के शासनकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी उत्पीड़न के पैटर्न को दर्शाती है। ऐसी कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, जहां दोषी बिना सजा के स्वतंत्र घूम रहे हैं।"

मंत्रालय ने आगे कहा, "हम इस क्रूर हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना किसी बहाने या भेदभाव के, हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी जिम्मेदारी निभाए।"

अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले
यह घटना बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की एक और कड़ी है। भाबेश चंद्र रॉय की हत्या ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग सरकार से इस मामले की गहन जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस घटना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
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