पटना/बिहार (Patna/Bihar), 10 मई 2025, शनिवार : भारत-पाक युद्धविराम पर अमन समिति के संस्थापक धनंजय कुमार सिन्हा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका, दोनों ही विश्वास के योग्य नहीं हैं।
सिन्हा ने पाकिस्तान पर आतंकियों को संरक्षण देने, निहत्थे नागरिकों पर हमले करवाने और युद्ध के दौरान आम पाकिस्तानी नागरिकों की आड़ लेने जैसे गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना और पुलिस का आतंकियों के जनाजे में शामिल होना उनकी आपसी सांठगांठ का स्पष्ट प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि भारत ने जवाबी कार्रवाई कर पाकिस्तानी हमलों को विफल कर दिया, लेकिन यदि वे हमले सफल हो जाते, तो भारत को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता था।
सिन्हा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने युद्धविराम को दोनों देशों की "समझदारी और श्रेष्ठ बुद्धिमत्ता" का परिचायक बताया। सिन्हा ने कहा कि यह बयान पक्षपातपूर्ण है, क्योंकि भारतीय सेना की निर्णायक जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की स्थिति एक याचक जैसी हो गई थी। ऐसे में उसकी कोई समझदारी या बुद्धिमत्ता नहीं, बल्कि केवल बेबसी और लाचारगी ही युद्धविराम के मांग की असली वजह थी।
धनंजय सिन्हा ने कहा कि एशिया में दीर्घकालिक शांति सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान में एक सशक्त लोकतांत्रिक सरकार का गठन और वहां मौजूद सभी आतंकी ठिकानों का समूल नाश आवश्यक है।
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