विदेश मंत्री जयशंकर की नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी यात्रा! भारत - यूरोप संबंधों को मिलेगा नया आयाम

नई दिल्ली, 18 मई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह छह दिवसीय यात्रा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक सक्रियता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य यूरोपीय देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त बनाना है।

इस दौरे के दौरान विदेश मंत्री तीनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और अपने समकक्षों के साथ व्यापार, निवेश, डिजिटल सहयोग, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक सुरक्षा जैसे अहम विषयों पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत यूरोप में अपने राजनयिक और आर्थिक रिश्तों को और गहरा करने की दिशा में कार्यरत है।

डेनमार्क के साथ भारत के संबंधों में हाल ही में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। फरवरी 2024 में दोनों देशों के बीच गतिशीलता और प्रवासन भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे भारतीय नागरिकों के लिए डेनमार्क में रोजगार की नई संभावनाएं खुलीं, विशेषकर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में। इस समझौते से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे भारतीय छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश के लिए अतिरिक्त समय भी मिलेगा।

सितंबर 2024 में डॉ. जयशंकर ने डेनमार्क के उद्योग, व्यापार और वित्तीय मामलों के मंत्री मोर्टेन बडस्कोव से मुलाकात कर ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने पर चर्चा की थी। इस साझेदारी का मुख्य फोकस अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है, जिसमें भारत डेनमार्क की कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है।

जर्मनी के साथ भी भारत के संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं। अक्टूबर 2024 में विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बैरबॉक और वाइस-चांसलर रॉबर्ट हेबेक से मुलाकात कर क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की थी। ये वार्ताएं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (IGC) की सातवीं बैठक का हिस्सा थीं।

यह यात्रा न केवल भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि वैश्विक मंचों पर देश की भागीदारी और प्रभाव को भी सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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