नई दिल्ली, 6 मई – नीम का नाम लेते ही हमारे मन में इसकी कड़वी पत्तियों का स्वाद और उनकी औषधीय उपयोगिता उभर आती है। लेकिन क्या आपने कभी नीम के फूलों की ओर ध्यान दिया है? छोटे-छोटे, सौंधी खुशबू वाले ये फूल सिर्फ देखने में सुंदर नहीं होते, बल्कि गर्मियों में स्वास्थ्य के लिए भी बेहद उपयोगी होते हैं। यह वही नीम का फूल है, जिसे पहले दादी-नानी दोपहर की चिलचिलाती धूप में घर से बाहर निकलने से पहले शर्बत या भूजिया के रूप में खिलाया करती थीं। इस परंपरा के पीछे सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि इसके पोषक और औषधीय गुण छिपे होते थे।
वर्ष 2024 में "टेलर एंड फ्रांसिस" में प्रकाशित एक शोध पत्र में नीम के फूलों की वैज्ञानिक महत्ता का विशेष उल्लेख किया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि नीम के फूलों में मौजूद रसायन न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि इनका प्रभाव अन्य भागों की तुलना में अधिक लाभकारी भी है। क्लोरोफॉर्म, एथिल एसीटेट, इथेनॉल और मेथनॉल जैसे विभिन्न सॉल्वैंट्स के माध्यम से निकाले गए अर्कों का जब मधुमेह और कैंसर विरोधी प्रभाव के लिए परीक्षण किया गया, तो पाया गया कि इथेनॉल से निकला अर्क विशेष रूप से प्रभावशाली है – यह शर्करा नियंत्रण और कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को रोकने में मदद करता है।
भारत में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और घरेलू ज्ञान में नीम का फूल लंबे समय से जगह बनाए हुए है। जैसे नीम की पत्तियों और टहनियों का इस्तेमाल आयुर्वेद में किया जाता रहा है, वैसे ही इसके फूलों को भी औषधीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है। इसके नियमित सेवन से रक्त शुद्ध होता है, त्वचा पर निखार आता है और मुंहासे, दाग-धब्बे जैसी समस्याएं दूर होती हैं। नीम के फूलों में प्राकृतिक रूप से एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाने और आंतरिक सफाई में मदद करते हैं।
नीम के फूलों से तैयार किए जाने वाले व्यंजन भी सेहत के दृष्टिकोण से लाभकारी होते हैं। उत्तर भारत में सरसों के तेल और जीरे के साथ इसकी भुजिया बनाई जाती है, जबकि दक्षिण भारत में इसे कई पारंपरिक व्यंजनों में शामिल किया जाता है। इनसे बना शरबत न सिर्फ स्वाद में अनोखा होता है, बल्कि शरीर को ठंडक देता है और हीटवेव से लड़ने में भी कारगर सिद्ध होता है।
इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट की सफाई होती है और अपच, गैस, कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यहां तक कि पेट में मौजूद परजीवी कृमियों को भी समाप्त करने की क्षमता इसमें होती है। इसके फूल भूख बढ़ाने, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने और त्वचा की समस्याओं में लाभ देने में सक्षम हैं।
गर्मियों के मौसम में जब लू चल रही हो और तापमान तेज़ी से बढ़ रहा हो, तब नीम के फूलों का सेवन – चाहे शरबत के रूप में हो या किसी खाद्य व्यंजन में – शरीर को भीतर से ठंडक देने और बीमारियों से बचाने का एक प्रभावी, पारंपरिक और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध उपाय है। नीम का फूल एक ऐसा प्राकृतिक खजाना है, जो पीढ़ियों से हमारी रसोई और चिकित्सा संस्कृति का हिस्सा रहा है, और आज भी उतना ही प्रासंगिक और प्रभावशाली है।
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