जेठ माह के मंगल पर हनुमान उपासना का विशेष महत्व, जीवन के कष्टों से मुक्ति के लिए करें ये मंत्र जाप

नई दिल्ली, 13 मई 2025, मंगलवार : हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन विशेष रूप से पवनपुत्र हनुमान को समर्पित माना जाता है। इस दिन भक्तगण श्री हनुमान की आराधना करते हैं ताकि जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सके। लेकिन जब यह मंगलवार ज्येष्ठ (जेठ) माह में आता है, तब इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस विशेष समय में आने वाले प्रत्येक मंगलवार को "बड़ा मंगल" या "बुढ़वा मंगल" कहा जाता है, और यह माना जाता है कि इन दिनों हनुमान जी की आराधना से भक्तों के सभी बिगड़े कार्य बनने लगते हैं और जीवन की कठिनाइयाँ समाप्त होने लगती हैं।

धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों में वर्णित है कि जेठ माह में आने वाले मंगलवार को विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा, मंत्र जाप और भोग अर्पण करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी बाधाएं, संकट और नकारात्मक शक्तियाँ समाप्त हो जाती हैं। वर्ष 2025 में यह विशेष माह 13 मई से शुरू होकर 10 जून तक चलेगा, और इस अवधि में कुल 5 मंगलवार आएंगे। प्रत्येक मंगलवार पर अलग-अलग उपाय करने से मारुति नंदन को प्रसन्न कर भक्त उनके कृपा पात्र बन सकते हैं।

विशेष हनुमान मंत्र और उनके लाभ :
जेठ माह के बड़े मंगल पर हनुमान जी की पूजा करते समय यदि कुछ विशिष्ट मंत्रों का जाप किया जाए, तो यह अत्यधिक फलदायी होता है। ये मंत्र जीवन से नकारात्मकता हटाकर, शत्रुओं की चालों से रक्षा करते हैं और नौकरी या व्यापार में आ रही बाधाओं को दूर करते हैं।

1. ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।

इस मंत्र का जाप बड़े मंगल पर करने से जीवन की सभी बाधाएं नष्ट होती हैं।
यह मंत्र शक्ति, साहस और निडरता प्रदान करता है।

2. ॐ दक्षिणमुखाय पञ्चमुख हनुमते करालबदनाय नमः।

प्रेतबाधा, ऊपरी बाधाओं और अज्ञात भय से रक्षा के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।

3. "मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।"

यह छोटा लेकिन चमत्कारी मंत्र नौकरी या व्यवसाय में रुकावट दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
कम से कम 108 बार इसका जाप विशेष फल देता है।

4. ऊं हं हनुमते नमः।
यह सर्वसामान्य लेकिन बहुत शक्तिशाली बीज मंत्र है, जो मानसिक और शारीरिक पीड़ाओं को दूर करता है।

5. अन्य लाभकारी मंत्र जैसे –

ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा।
ॐ नमो भगवते हनुमते नमः।

इन मंत्रों का नियमित जाप हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का उत्तम साधन है।

विशेष पूजन एवं भोग अर्पण के उपाय:
धार्मिक ग्रंथों जैसे सुंदरकांड, हनुमान महाउपासना और हनुमान अष्टोत्तरशतनाम में उल्लेख है कि विशेष भोग अर्पण से हनुमान जी विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं। जेठ माह के 5 मंगलवारों पर यदि अलग-अलग प्रकार के भोग अर्पित किए जाएं तो यह विशेष फलदायी होता है।

13 मई (पहला मंगलवार): बूंदी के लड्डू
20 मई (दूसरा मंगलवार): चना और गुड़
27 मई (तीसरा मंगलवार): सिंदूर, चमेली का तेल
3 जून (चौथा मंगलवार): बेसन के लड्डू
10 जून (पाँचवां मंगलवार): पान और नारियल


इन तिथियों पर श्रद्धापूर्वक पूजन, मंत्र जाप और भोग अर्पण करने से न केवल हनुमान जी प्रसन्न होते हैं, बल्कि जीवन की परेशानियाँ, रोग, आर्थिक तंगी और मानसिक क्लेश भी दूर हो जाते हैं।

जेठ मास के प्रत्येक मंगलवार का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत अधिक महत्व है। हनुमान जी को सच्चे मन से स्मरण करने और विधिपूर्वक पूजन, मंत्र जाप व भोग अर्पण से जीवन के समस्त दुख-दर्द समाप्त हो सकते हैं। यह समय श्री हनुमान की कृपा पाने का एक सुनहरा अवसर है, जिसे हर श्रद्धालु को गंभीरता से अपनाना चाहिए।

(उपरोक्त जानकारी धार्मिक मान्यताओं, पुराणों और शास्त्रों पर आधारित है।)
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