नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जस्टिस अभय एस. ओका ने ईडी की कार्यप्रणाली को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि एजेंसी बिना पुख्ता सबूत के आरोप लगाती है, और यह एक पैटर्न बनता जा रहा है।
यह मामला 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले से जुड़ा है, जिसमें राज्य को अनुमानित 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ईडी ने एक आरोपी पर 40 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का आरोप लगाया है, लेकिन अब तक यह साबित नहीं हो पाया कि उसका संबंधित कंपनी से कोई प्रत्यक्ष संबंध था।
सुनवाई के दौरान ईडी के वकील एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट से सबूत पेश करने के लिए समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। फिलहाल मामला अगली सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती ने ईडी की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर बहस को जन्म दे दिया है।
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