Hapur: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भ्रष्टाचार का खुलासा, डीएम अभिषेक पांडेय की सख्त कार्रवाई

हापुड़/उत्तर प्रदेश। हापुड़ ज़िले के कस्तला कसमाबाद गांव में स्थित एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहे भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को लेकर ग्रामीणों की शिकायतों के बाद ज़िलाधिकारी (डीएम) अभिषेक पांडेय ने एक अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें जो तथ्य सामने आए, वे चौंकाने वाले थे और स्वास्थ्य सेवा की गरिमा पर प्रश्नचिह्न लगाने वाले थे।

स्थानीय ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के दौरान वहां तैनात एएनएम (सहायक नर्स दाई) द्वारा 1500 रुपये की अवैध धनराशि वसूली जा रही थी। यह धनराशि डिलीवरी की प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर जबरन ली जा रही थी, जबकि सरकार द्वारा ऐसी सेवाएं पूरी तरह निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।

डीएम अभिषेक पांडेय ने जब मौके पर पहुंचकर स्थिति की जांच की तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायतों की पुष्टि हो गई। उन्होंने पाया कि न केवल एएनएम, बल्कि संबंधित आशा कार्यकर्ता भी इस अनुचित गतिविधि में संलिप्त थी।

इस भ्रष्टाचार को अत्यंत गंभीर मानते हुए जिलाधिकारी ने तुरंत प्रभाव से दोनों – एएनएम और आशा – की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया। डीएम की इस त्वरित और निर्णायक कार्रवाई से प्रशासनिक तंत्र में एक स्पष्ट संदेश गया कि जनसेवा के नाम पर किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार और शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जिले में संचालित सभी स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी और कड़ी की जाएगी ताकि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के आम नागरिकों तक पहुंचे। ग्रामीणों ने डीएम की कार्रवाई का स्वागत किया और भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनकी इस पहल की सराहना की।

यह मामला एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि जब अधिकारी संवेदनशीलता और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, तो जनविश्वास और प्रशासनिक व्यवस्था दोनों सुदृढ़ होते हैं।
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